राजस्थान के झुंझुनूं में हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (HCL) की कोलिहान खदान में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ है। हादसा रात के 8ः30 बजे करीब हुआ। कोलिहान खदान में लगभग 150 मजदूर काम कर रहे थे। 15 अधिकारी खदान में (15 officers in the mine) से लिफ्ट से ऊपर आ रहे थे। तभी लिफ्ट की चेन टूट गई और 1785 फीट नीचे गिर गई।
लिफ्ट में सवार 15 अधिकारी फंस गए। तत्काल इसकी सूचना अधिकारियों को दी गई। स्थानीय पुलिस प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। लगभग 16 घंटे से अधिक समय तक रेस्क्यू चलता रहा। गंभीर रूप से घायल एक अधिकारी की मौत हो गई है। वहीं, 4 अफसर गंभीर रूप से जख्मी हैं, जिन्हें जयपुर इलाज के लिए भेजा गया है। शेष को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खदान में नीचे जाने के लिए लिफ्ट ही एक जरिया है। कोलिहान खदान (Kolihan Mine) में ऐसी दो लिफ्ट लगी हुई हैं। समय-समय पर अफसरों की टीम मजदूरों के काम का जायजा लेने खदान के अंदर जाती रहती है। यह प्रक्रिया लगभग हर रोज की है। मंगलवार को भी अफसरों की टीम खदान के अंदर गई थी।
लिफ्ट में लगने वाली चेन बहुत मजबूत होती है, चेन लोहे की होती है और उच्च गुणवत्तावाली होती है। लिफ्ट ऊपर आने ही वाली थी कि चेन टूट गई। लिफ्ट पर सवार अधिकारी संभल तक नहीं पाए। इस हादसे में किसी का पैर तो किसी का हाथ फ्रैक्चर हुआ। सिर में भी हल्की चोटें आईं।
एनडीआरएफ ने लिफ्ट में फंसे लोगों का रेस्क्यू पूरा कर लिया है। लेकिन इस बीच एक दुःखद खबर आई, गंभीर रूप से घायल एक अधिकारी की मौत हो गई, जिनका नाम उपेंद्र पाण्डेय है। हालांकि, 150 मजदूर अब भी खदान के अंदर ही हैं। उन्हें भी बाहर निकाला जा रहा है। स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, लिफ्ट में फंसे अधिकारी जख्मी हो गए थे, उन्हें तत्काल मेडिकल सुविधा दी गई।
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झुंझुनूं के कोलिहान खदान (Kolihan mines of Jhunjhunu) में 67 साल से खनन का काम हो रहा है। यहां से निकला तांबा देश-विदेश में जाता है। यहां से अब तक 24 मिलियन टन अयस्क निकाला जा चुका है। अधिकारियों के मुताबिक, खदान में शारीरिक रूप से अस्वस्थ लोगों के जाने की अनुमति नहीं है। पहले हर मजदूर की मेडिकल जांच होती है, तभी उन्हें प्रवेश मिलता है। खदान में काम कर रहे हर मजदूर के रोज की अटेंडेंस का ब्योरा दर्ज किया जाता है। मजदूर कब इंट्री लेता है और कब बाहर निकलता है, इसकी जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाती है।