सवाई माधोपुर। सवाई माधोपुर वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई (Sawai Madhopur Forest Department took major action) करते हुए तहसीलदार, नायब तहसीलदार, 3 गिरदावर, 5 पटवारी के खिलाफ फॉरेस्ट एक्ट में 3 अलग-अलग मुकदमे दर्ज (3 separate cases registered under Forest Act against Tehsildar, Naib Tehsildar, 3 Girdawars, 5 Patwaris) किए है। रेंजर दीपक शर्मा ने राजस्व अधिकारियों के खिलाफ यह मुकदमे दर्ज किए है।
चौथ का बरवाड़ा के तत्कालीन तहसीलदार कमल पचौरी और बिनजारी भगवतगढ़ में 21 फरवरी को वन संपदा नष्ट करने का मामला है। राजस्थान वन अधिनियम 1953 की धारा 26 व वन संरक्षण अधिनियम 1980 की धारा (2) के तहत 3 अलग अलग मुकदमे दर्ज किए।
दरअसल, सवाई माधोपुर के चौथ का बरवाड़ा तहसील क्षेत्र में करीब 1 महीने पहले वन विभाग पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने की बात कहकर राजस्व विभाग ने कई बीघा सरकारी भूमि पर बेदखली कार्रवाई करने का आदेश दिया था। तत्कालीन तहसीलदार कमल पचौरी ने यह आदेश जारी कर बेदखली की कार्रवाई की थी। अब इसके जवाब में वन विभाग ने अवैध रूप से वन संपदा को जेसीबी मशीन चलाने से करीब 1 लाख 96 का नुकसान होने की बताते हुए तहसीलदार और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ वन संपदा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
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वन विभाग के रेंजर दीपक शर्मा ने बताया कि 20 फरवरी को उनका ट्रांसफर हो गया था। इसके बाद तहसीलदार कमल पचौरी के साथ अन्य राजस्व कर्मचारियों ने चौथ का बरवाड़ा, बंजारी और भगवतगढ़ क्षेत्र में अवैध रूप से जेसीबी मशीन चलाकर 1 लाख 96 हजार की वन संपदा नष्ट कर दी। वन विभाग ने 18 मार्च को रेंजर दीपक शर्मा को वापस लगाया गया और उन्होंने इस मामले की जांच की। इसके तहत 28 मार्च को तत्कालीन तहसीलदार कमल पचौरी, नायब तहसीलदार, तीन गिरदावर, पांच पटवारी और अन्य लोगों के खिलाफ वन अधिनियम की धारा 26 तथा वन अधिनियम संरक्षण की धारा 2 के तहत तीन अलग-अलग मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।