न्यायमूर्ति पी डी नाइक और एन आर बोरकर की खंडपीठ (Division bench of Justice PD Naik and Justice NR Borkar) ने कहा कि वह 10 और 11 जनवरी, 2024 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई है। इसे प्राथमिकी को रद्द करने की मांग करने वाली वानखेड़े की याचिका पर सुनवाई करेगी। सीबीआई से पेश वकील कुलदीप पाटिल ने मंगलवार को अदालत को बताया सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता 10 या 11 जनवरी को सीबीआई की ओर से बहस करेंगे। वानखेड़े के वकील आबाद पोंडा ने कहा 10 जनवरी को बहस करेंगे।
मई मे सीबीआई ने एनसीबी द्वारा जारी लिखित शिकायत के आधार पर एनसीबी के पूर्व मुंबई जोनल निदेशक वानखेड़े और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। केंद्रीय एजेंसी का मामला यह कि वानखेड़े और चार अन्य आरोपियों ने अभिनेता शाहरुख खान से 2021 में एक क्रूज जहाज से ड्रग्स की जब्ती के बाद उनके बेटे आर्यन खान को फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांगी थी। समीर वानखेड़े ने बाद मे उच्च न्यायालय का रुख किया। मांग कि मामले को रद्द कर दिया जाए।
उन्होंने किसी दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी। वानखेड़े और मामले के अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और रिश्वतखोरी से संबंधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानो के तहत आपराधिक साजिश और जबरन वसूली की धमकी के आरोप मे मामला दर्ज किया गया। आर्यन और कुछ अन्य व्यक्तियों को अक्टूबर 2021 मे ड्रग्स रखने के साथ ही सेवन करने और तस्करी करने के आरोप मे गिरफ्तार किया गया था। तीन हफ्ते जेल मे बिताने के बाद हाई कोर्ट ने आर्यन को जमानत दी थी।
एनसीबी ने बाद में अपनी चार्जशीट दायर की, पर सबूतों की कमी का हवाला देते हुए आर्यन को आरोपी के रूप मे नामित नहीं किया गया। बाद मे ड्रगरोधी एजेंसी ने मामले मे अपने ही अधिकारियों के खिलाफ जांच करने के लिए एक विशेष जांच दल का भी गठन किया।