राजस्थान में डमी परीक्षार्थी, फर्जी सब इंस्पेक्टर, फर्जी आरटीओ के बाद अब फर्जी मार्कशीट से 42 अभ्यर्थियों द्वारा नौकरी हासिल करने का मामला (Case of 42 candidates getting jobs through fake mark sheets) सामने आया है और इस मामले में पुलिस ने दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया (Two vicious accused arrested) है।
उदयपुर के हाथीपोल थाना पुलिस ने फर्जी मार्कशीट से डाकपाल की नौकरी (Postmaster’s job through fake marksheet) हथियाने वाले 42 अभ्यर्थियों की तलाश तेज कर 2 को गिरफ्तार कर लिया है और कुछ अन्य को भी डिटेन कर उदयपुर ला रही है। इन 42 अभ्यर्थियों ने न सिर्फ दसवीं की फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी हासिल की, बल्कि नौकरी जॉइन भी कर ली थी।
हालांकि इन अभ्यर्थियों के नौकरी जॉइनिंग के बाद विभाग ने इनके दस्तावेज सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड को भेजे तो इन 42 की पोल खुल गयी और इनकी मार्कशीट फर्जी होने का खुलासा हुआ। मामला उजागर होने के बाद से ही ये 42 अभ्यर्थी फरार चल रहे थे।
थानाधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि दसवीं की फर्जी मार्कशीट लगाकर डाकपाल की नौकरी प्राप्त करने के आरोप में सपोटरा करौली निवासी दिनेश चन्द्र बैरवा पुत्र राम स्वरुप और लखन मीणा पुत्र कमलेश मीणा को गिरफ्तार किया गया है।
इनके जैसे ही अन्य अभ्यर्थियों सहित उस एजेंट की भी तलाश की जा रही है, जिसने इन अभ्यर्थियों को फर्जी मार्कशीट बनवाकर दी। एजेंट के पकड़ में आने के बाद बड़े गिरोह के खुलने की संभावना है। गिरफ्तार हुए दोनों आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया है कि किसी एजेंट के माध्यम से उन्होंने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान दिल्ली की मार्कशीट बनवायी थी।
पुलिस ने बताया कि भारतीय डाक विभाग ने उदयपुर मण्डल में डाकपाल के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती निकाली थी। इसमें अभ्यर्थियों की दसवीं के अंकों की मैरिट के आधार पर सीधी भर्ती होनी थी। इन अभ्यर्थियों ने डाकपाल पद के लिए आवेदन किया, लेकिन असली मार्कशीट लगाने के बजाए एजेंट के जरिए बनवायी गयी दसवीं की फर्जी मार्कशीट लगायी।
यह अभ्यर्थी दसवीं-बारहवीं पास तो हैं, लेकिन कोई थर्ड तो कोई सैकंड डिवीजन पास है, दसवीं की असली मार्कशीट में बहुत कम अंक होने के कारण इन्हें पता था कि इनका मैरिट के आधार पर डाकपाल पद के लिए चयन नहीं होगा।
ऐसे में इन्होंने एजेंट के जरिए मन चाहे अंकों की फर्जी मार्कशीट बनवायी। ज्यादातर ने दसवीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंकों की फर्जी मार्कशीट बनवायी और वही डाकपाल के आवेदन के साथ लगा दी। फर्जी अंकतालिका के जरिए मैरिट के आधार पर इन 42 का चयन भी हो गया और इन्होंने डाकपाल पद पर नियुक्ति हासिल कर नौकरी भी शुरू कर दी।
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इस दौरान डाक विभाग ने चयनित सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के लिए संबंधित बोर्ड को भेजी तो इनके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। फर्जी मार्कशीट से चयनित होने पर डाक विभाग ने इन सभी 42 अभ्यर्थियों के खिलाफ हाथीपोल थाने में गत वर्ष फरवरी 2023 में एफआईआर दर्ज करवायी थी। तब से ये सभी आरोपी फरार हैं।