जयपुर। राजस्थान सरकार बिजली के मुद्दे पर लोगों को एक बाद एक झटका दे रही है। सरकार ने पहले बिजली के मासिक बिल की योजना की घोषणा की। इसके बाद अब मुफ्त बिजली की योजना बंद (Free electricity scheme discontinued) कर दी है। राजस्थान में अभी तक घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाती रही है, लेकिन अब इस योजना को नए लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। यानी अब मुफ्त बिजली योजना में नए लोगों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा, केवल पुराने मीटरों पर ही इसका लाभ मिलता रहेगा।
पिछली सरकार की लोकलुभावन योजनाओं को राजस्थान की मौजूदा सरकार ने समेटना शुरू कर दिया है। अशोक गहलोत राज में शुरू की गई फ्री स्मार्टफोन योजना फिलहाल स्थगित है। 100 यूनिट फ्री बिजली देने की स्कीम से अब नए लोगों को नहीं जोड़ा जाएगा। दोनों योजनाओं को लेकर पूछे गए अलग-अलग सवालों के जवाब में राज्य सरकार ने विधानसभा में दिए लिखित में जवाब में अपना रुख साफ कर दिया है। सरकार ने साफ किया है कि फ्री स्मार्टफोन स्कीम विधानसभा चुनावों की आचार संहिता के समय से स्थगित है, आगे इस पर फाइनल फैसला होगा, माना जा रहा है कि सरकार इस स्कीम को बंद कर देगी।
नहीं मिलेगी मुफ्त बिजली
बारां-अटरू से बीजेपी विधायक राधेश्याम बैरवा के सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार की मुख्यमंत्री फ्री बिजली योजना (घरेलू अनुदान) का लाभ केवल उन रजिस्टर्ड घरेलू उपभोक्ताओं को दिया जा रहा हैं जिन्होने एक जनाधार से एक घरेलू कनेक्शन को रजिस्टर्ड करवाया हैं। इस योजना में जून 2023 से मार्च 2024 तक 98.23 लाख घरेलू उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया। जिन उपभोक्ताओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया, उन सबको योजना का लाभ दिया गया।
वंचित रहे उपभोक्ताओं को योजना का लाभ देने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत एक जनाधार से एक घरेलू कनेक्शन रजिस्ट्रेशन पर ही योजना का लाभ देने का प्रावधान है। बचे हुए घरेलू उपभोक्ताओं जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, वे या तो अपात्र थे या अनुदान लेने के इच्छुक नहीं थे। वंचित रहे उपभोक्ताओं को इस योजना में लाने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
नहीं दिए जाएंगे स्मार्टफोन
विधानसभा में कांग्रेस विधायक विकास चौधरी के सवाल के जवाब में बताया कि राजस्थान सरकार ने जनवरी 2024 तक 24,56,001 महिलाओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण- DBT के माध्यम से फ्री स्मार्टफोन (Free smartphone) बांटे गए। इस परियोजना को विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लागू होते ही 9 अक्टूबर, 2023 से स्थगित कर दिया गया।
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इस योजना पर 2023-24 में 1811.30 करोड़ के बजट का प्रावधान था, इसमें से 1745.22 करोड़ खर्च किया गया। इस खर्च में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर किए गए 1670.08 करोड़ रुपये भी शामिल हैं। मोबाइल फोन बांटने के लिए दो महीनों तक 490 से ज्यादा कैंप लगाए गए, उन पर 75.14 करोड़ रुपये खर्च किए गए।