जयपुर। राजस्थान रोडवेज की स्थिति दिन-ब-दिन चिंताजनक होती जा रही है। एक ओर राज्य सरकार रोडवेज को आधुनिक और लाभदायक बनाने के लिए घोषणाएं कर रही है। वहीं, दूसरी ओर भ्रष्टाचार और लापरवाही के चलते हालात बदतर हो रहे हैं। ताजा मामला झालावाड़ डिपो की एक बस का है, जिसमें फ्लाइंग टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान 51 यात्रियों में से 46 यात्री बिना टिकट (Out of 51 passengers, 46 passengers were without tickets) यात्रा करते पाए गए।
फ्लाइंग टीम की जांच में बड़ा खुलासा
गुरुवार रात झालावाड़ डिपो की एक अनुबंधित बस को कोटा फ्लाइंग टीम ने सरप्राइज चेकिंग (Kota flying team did surprise checking) के दौरान पकड़ा। इस बस में 51 यात्री सवार थे, जिनमें से केवल 5 यात्रियों के पास टिकट था। बाकी 46 यात्री बिना टिकट यात्रा कर रहे थे। यह मामला सामने आने के बाद बस में अफरा-तफरी मच गई।
बस का संचालन अनुबंध पर बस सारथी रजत कश्यप कर रहा था। फ्लाइंग टीम ने इस मामले को गंभीर मानते हुए रजत कश्यप के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी (रिमार्क) दर्ज की और उसका अनुबंध रद्द करने की सिफारिश की।
यात्रियों ने किया हंगामा
जब फ्लाइंग टीम ने बिना टिकट यात्रियों से 10 गुना जुर्माना वसूलने की कोशिश की, तो यात्रियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि उन्होंने बस कंडक्टर को किराया दिया था, लेकिन कंडक्टर ने टिकट जारी नहीं किया। रोडवेज के नियमों के अनुसार, बिना टिकट पकड़े जाने पर यात्रियों से दस गुना जुर्माना वसूला जाता है। यह सुनकर यात्री भड़क गए और जुर्माना देने से इनकार कर दिया। विरोध इतना बढ़ गया कि फ्लाइंग टीम को बस से नीचे उतरना पड़ा।
अनुबंधित बसों में बढ़ते भ्रष्टाचार के मामले
झालावाड़ रोडवेज डिपो में अनुबंधित बसों से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। कई बार यात्रियों को बिना टिकट यात्रा कराने के आरोप लगे हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते यह गोरखधंधा बड़े पैमाने पर चल रहा है। डिपो के ट्रैफिक मैनेजर और अन्य अधिकारियों की जिम्मेदारी होने के बावजूद अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे।
पहले भी सामने आए मामले, बूंदी प्रबंधक पर नहीं हुई कार्रवाई
झालावाड़ डिपो ही नहीं, बल्कि अन्य रोडवेज डिपो भी भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण चर्चा में रहे हैं। उदाहरण के तौर पर बूंदी डिपो (Bundi Depot) की बस से 11 अगस्त 2024 को बस सारथी आवेश खान की बस में 30 यात्री बिना टिकट पाए गए। 18 अगस्त 2024 में बस सारथी मंसूर अली की बस में 42 और 41 यात्री बिना टिकट पाए गए। इन मामलों में बस सारथियों के अनुबंध समाप्त कर उन्हें ब्लैकलिस्ट किया गया। लेकिन इन मामलों के बावजूद मुख्यालय से संबंधित प्रबंधकों पर कोई कार्रवाई नहीं (No Action Against Managers) की गई।
प्रशासन की चुप्पी और रोडवेज का नुकसान
इस तरह की घटनाओं से रोडवेज को बड़ा आर्थिक नुकसान होता है। यात्रियों से किराया वसूला जाता है, लेकिन टिकट जारी नहीं किए जाते। इसके चलते न केवल रोडवेज को राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है।
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प्रशासनिक जिम्मेदारी का सवाल
सरकार द्वारा रोडवेज के विकास के लिए बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण राजस्थान रोडवेज की स्थिति लगातार खराब हो रही है।