जयपुर। राजस्थान की सियासत में गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों को लेकर हलचल तेज हो गई है। हाल ही में सामने आई एक नई कार्रवाई से इन जिलों के भविष्य को लेकर बड़े संकेत मिले हैं। पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने शाहपुरा और गंगापुर सिटी जिलों में एसपी (SP in Shahpura and Gangapur City districts) के लिए आवंटित वाहनों को वापस बुला लिया (Allocated vehicles recalled) है, जिससे अटकलें तेज हो गई हैं कि इन जिलों को खत्म करने की तैयारी हो रही है। यह निर्णय तब लिया गया जब रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है, और अब उस पर अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है।
शाहपुरा और गंगापुर सिटी के वाहनों की वापसी ने बढ़ाई सियासी हलचल
गहलोत सरकार के कार्यकाल में बनाए गए 17 नए जिलों में से 5 से 6 जिलों को खत्म करने को लेकर चर्चाएं (Discussions regarding eliminating 5 to 6 districts) तेज हो गई हैं। हाल ही में, पुलिस महानिदेशक कार्यालय ने भीलवाड़ा और सवाई माधोपुर के एसपी को पत्र भेजकर शाहपुरा और गंगापुर सिटी जिलों के लिए आवंटित इनोवा हाई क्रॉस वाहनों को वापस बुलाने का निर्देश दिया है। इस पत्र की प्रतियां भरतपुर और अजमेर रेंज के आईजी को भी भेजी गई हैं, जिससे राजनीतिक अटकलें और भी बढ़ गई हैं। ये वाहन एसपी द्वारा उपयोग किए जा रहे थे और 18 अक्टूबर 2023 को ही आवंटित किए गए थे।

चार नए जिलों से हटाए गए एसपी
भजनलाल सरकार ने हाल ही में बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए, जिसमें चार नए जिलों – केकड़ी, शाहपुरा, सांचौर और गंगापुर सिटी से एसपी के पद हटा दिए गए। इन जिलों का कार्यभार अब मूल जिलों के एसपी को सौंपा गया है, जैसे कि केकड़ी का अजमेर, शाहपुरा का भीलवाड़ा, गंगापुर सिटी का सवाई माधोपुर और सांचौर का जालौर के एसपी को अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
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5 से 6 नए जिलों के समाप्त होने के संकेत
सरकार के इस कदम के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि 17 नए जिलों को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने भी हाल ही में बयान दिया था कि 5-6 नए जिले, जैसे केकड़ी और शाहपुरा, मापदंडों के अनुसार फिट नहीं हो रहे हैं। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी कहा कि सरकार 5-6 जिलों को समाप्त कर सकती है। एसपी के पद हटाने और पुलिस वाहनों की वापसी के निर्णय के बाद इन अटकलों को और बल मिल गया है।