टोंक, (शिवराज बारवाल)। राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद भी महिलाओं और बालिकाओं के साथ दुष्कर्म और शोषण के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताज़ा मामला टोंक जिले के सौंप थाना क्षेत्र का है। जहां सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई एक नाबालिग पीड़ित छात्रा (A minor girl student became the victim of gang rape) की उपचार के दौरान सोमवार देर शाम को मौत (Died) हो गई है। जिसके शव का मंगलवार को मृतका के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सोप दिया है। घटना के बाद से पीड़िता और उसका परिवार गहरे सदमे में था। लेकिन पुलिस घटना के पांच दिन बाद भी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार नहीं (The named accused were not arrested even after five days of the incident) कर पायी।
जानकारी के अनुसार, 14 वर्षीय नाबालिग पीड़िता के मामा ने 25 जनवरी की शाम को 2 नामजद आरोपियों के विरूद्ध सोप थाने में मामला दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि उसकी नाबालिग़ भांजी को 22 जनवरी शाम को गोलू नामक युवक घर के बाहर से बहलाफुसला कर खेत पर ले गया, जहां आरोपी गोलू और उसके साथी ने नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। इस बारे में किसी को बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी थी। पीड़िता बदहाल हाल में घर पहुंची और पेट दर्द बताकर गुमसुम रहने लगी। इसकी वजह उसने आपबीती मामी को बताई थी।
उसके बाद नाबालिग के साथ उसी के 2 रिश्तेदारों द्वारा रेप करने का मामला पीडिता के मामा ने दर्ज कराया था। पीडिता नाबालिग होने के चलते पोक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। जिसपर पुलिस ने सवाई माधोपुर जिले के रवांगना डूंगर निवासी दो जनों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया था। मामले की जांच उनियारा पुलिस उप अधीक्षक उनियारा रोहित कुमार मीणा को सौपीं गई थी।
लेकिन आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर है। दुष्कर्म की घटना के बाद पीडिता की तबियत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया था। घटना के बाद से ही पीडिता गहरे सदमें में थी और उसका का परिवार सदमे में है।