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पूर्व CM वसुंधरा राजे को बुलाया दिल्ली, राजस्थान की कुर्सी को लेकर संगठन के नेताओं से करेंगी मुलाकात

Called former CM Vasundhara Raje and will meet the leaders of the organization regarding the chair of Delhi and Rajasthan.

जयपुर। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे दिल्ली (Former CM Vasundhara Raje Delhi) बुलावे पर आज रात साढ़े दस बजे इंडिगो की फ्लाइट से दिल्ली रवाना होंगी। गुरुवार को वह संगठन के नेताओं से मुलाकात करेंगी। राजस्थान में विधानसभा चुनावों का रिजल्ट घोषित हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन अब तक मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बरकरार (Confusion continues regarding Chief Minister) है। अभी तक बीजेपी विधायक दल की बैठक और सीएम के नाम को लेकर कोई फैसला नहीं (No decision regarding CM’s name) हो पाया है।

विधायक बने भाजपा के 3 सांसदों ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है। इनमें दीया कुमारी, किरोड़ीलाल मीणा और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ शामिल हैं। हालांकि महंत बालकनाथ ने इस्तीफा नहीं दिया है। जिन 2 लोकसभा सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनकी सीट पर उपचुनाव नहीं होंगे, क्योंकि लोकसभा चुनावों में अब 6 महीने से भी कम समय बचा है। वहीं किरोड़ी मीणा राज्यसभा सांसद थे, इसलिए उनके इस्तीफे से खाली हुई सीट पर जरूर राज्यसभा चुनाव होगा। इस्तीफा देने के बाद विधायक बने सांसद संसद भवन में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले। वहीं दीया कुमारी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की।

इधर, मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर भाजपा में दिल्ली से लेकर जयपुर तक अंदर खाने बैठकें और मंथन चल रहा है। मंगलवार शाम को प्रधानमंत्री आवास पर अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच 4 घंटे बैठक चली है। बीजेपी नेता जल्द राजस्थान सीएम के नाम पर फैसला होने का दावा कर रहे हैं।

राजस्थान बीजेपी में यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री को लेकर असमंजस बना है, इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। बीजेपी मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके ही चुनाव लड़ती रही है, इसलिए कभी नतीजे आने के बाद असमंजस नहीं हुआ। पहले भैरोसिंह शेखावत बीजेपी के सीएम चेहरे हुआ करते थे। 2003, 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे पहले से सीएम चेहरा घोषित थीं, इसलिए असमंजस नहीं हुआ।

2003 और 2013 में वसुंधरा राजे का पहले से ही सीएम बनना तय था, इसलिए नतीजे आने के बाद ही सीएम की शपथ का टाइम तय हो जाता था, विधायक दल की बैठक में नाम की घोषणा केवल औपचारिकता ही रहती थी। दोनों ही बार वसुंधरा राजे ने 13 दिसंबर को शपथ ली थी।

राजस्थान सीएम को लेकर दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी से मुख्यमंत्री चयन को लेकर चर्चा की थी। पीएम से नड्डा की इस मुलाकात के बाद अब राजस्थान सीएम पर फैसले की प्रक्रिया आगे बढ़ने की संभावना है। इस मुलाकात के बाद ऐसा तय माना जा रहा है कि बीजेपी बुधवार को विधायक दल की बैठक बुलाने की तारीख का ऐलान कर सकती है।

2018 में सप्ताह के बाद सीएम का फैसला हुआ था, 10 दिन बाद हुई थी शपथ
मुख्यमंत्री को लेकर कांग्रेस में आम तौर पर फैसले लंबे खींचते रहे हैं, 2018 में कांग्रेस सरकार के गठन में अशोक गहलोत और सचिन पायलट विवाद के कारण देरी हुई थी। 7 दिसंबर 2018 को नतीजे घोषित हुए, एक सप्ताह बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में खींचतान चली, 17 दिसंबर 2018 को अशोक गहलोत ने सीएम और सचिन पायलट ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी।

बीजेपी में मुख्यमंत्री का फैसला लंबा खींचने को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाएं हैं। अब तक सीएम पर फैसला नहीं होने के पीछे केंद्रीय नेतृत्व की रणनीति को कारण माना जा रहा है। राजस्थान बीजेपी में सीएम चेहरों की लंबी कतार है, ऐसे में देरी के पीछे सबका मन टटोल कर सर्वसम्मति बनाने की कोशिश से जोड़कर देखा जा रहा है।

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद अब सीएम रेस को लेकर शक्ति प्रदर्शन शुरू हो चुका है। वसुंधरा राजे के बाद अब संगठन भी खुलकर सामने आ गया है और बीजेपी कार्यालय प्रदेश मुख्यालय व संगठन से मिलने आ रहे विधायकों के नाम जारी किए जा रहे हैं।

ये विधायक वसुंधरा से मिलने पहुंचे
अरुण चौधरी पचपदरा, जोगाराम पटेल लूणी, संजीव बेनीवाल भादरा़, दर्शन सिंह करौली, अजय सिंह किलक डेगाना, जसवंत यादव बहरोड़, कालीचरण सराफ मालवीय नगर जयपुर, बाबू सिंह राठौड़ शेरगढ़, प्रेमचंद बैरवा दूदू, गोविंद रानीपुरिया मनोहरथाना़, ललित मीणा किशनगंज, कंवरलाल मीणा अंता, राधेश्याम बैरवा बारां, कालूलाल मीणा डग, केके विश्नोई गुडामालानी, विक्रम बंशीवाल सिकराय, भागचंद टाकड़ा बांदीकुई, रामस्वरूप लांबा नसीराबाद, प्रताप सिंह सिंघवी छबड़ा, गोपीचंद मीणा जहाजपुर, बहादुर सिंह कोली वैर, शंकर सिंह रावत ब्यावर, मंजू बाघमार जायल, विजय सिंह चौधरी नावां, समाराम गरासिया पिंडवाड़ा-आबू रोड सिरोही, रामसहाय वर्मा निवाई, पुष्पेंद्र सिंह राणावत बाली, शत्रुघ्न गौतम केकड़ी, गजेंद्र खींवसर लोहावट, गुरवीर सिंह सादुलशहर, जयदीप बिहानी श्रीगंगानगर, अर्जुनलाल गर्ग बिलाड़ा, भैराराम सियोल ओसियां, ओटाराम देवासी सिरोही, संजय शर्मा अलवर शहर, हरि सिंह रावत भीम आदी ने मुलाकात की।

सीपी जोशी से ये विधायक मिले थे
जिनमें जवाहर सिंह बेडम नगर, उदयलाल भडाना मांडल, शैलेष सिंह डीग-कुम्हेर, जोगाराम पटेल लूणी, अर्जुनलाल गर्ग बिलाड़ा, गुरवीर सिंह सादुलशहर, हरि सिंह रावत भीम, शंकर सिंह रावत ब्यावर, नौक्षम चौधरी कामां, गोपीचंद मीणा जहाजपुर, गोपाल शर्मा सिविल लाइंस जयपुर, भजनलाल शर्मा सांगानेर, वासुदेव देवनानी अजमेर उत्तर, बहादुर सिंह कोली वैर, रविंद्र सिंह भाटी (निर्दलीय) शिव, रामबिलास लालसोट, विक्रम जाखल नवलगढ़, रमेश खींची कठूमर, महेंद्र पाल मीणा जमवारामगढ़, विजय सिंह चौधरी नावां, मंजू बाघमार जायल, हंसराज पटेल कोटपूतली, देवी सिंह भाटी बानसूर, पब्बाराम विश्नोई फलोदी, वीरेंद्र सिंह कर्णावट मसूदा, कैलाश मीणा गढ़ी, जयदीप बिहाणी श्रीगंगानगर, सुमित गोदारा लूणकरणसर, महंत प्रतापपुरी पोखरण, अविनाश गहलोत जैतारण, अनीता भदेल अजमेर दक्षिण, हमीर सिंह भायल सिवाना, श्रीचंद कृपलानी निम्बाहेड़ा, राजेन्द्र मीणा महुआ शामिल है।

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ये 8 विधायक राजे और सीपी जोशी दोनों से मिले थे
इनमें 8 विधायक ऐसे भी थे जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी दोनों से मंगलवार को मुलाकात की थी। इनमें जोगाराम पटेल, अर्जुनलाल गर्ग, गुरवीर सिंह, शंकर सिंह रावत, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, विजय सिंह चौधरी और मंजू बाघमार थे।

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