जयपुर के हरमाड़ा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक शातिर चोर के घर उसके ही दोस्त ने चोरी कर ली (A vicious thief’s house was stolen by his own friend)। इस अजीबोगरीब घटना ने पुलिस को भी हैरान कर दिया। पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया (Both the accused were arrested) है और उनके कब्जे से चोरी का सामान भी बरामद (Stolen goods also recovered) कर लिया गया है। यह घटना इसलिए भी खास है क्योंकि इसमें दोस्ती और विश्वास को तोड़ते हुए वारदात को अंजाम दिया गया।
चोरी की पूरी योजना पहले से थी तैयार
पुलिस के मुताबिक, आरोपी प्रकाश चन्द मीणा (36) और विक्रम सिंह मीणा (37) ने चोरी की योजना पहले से बना रखी थी। दोनों आरोपी डीजे का सामान चुराकर अपनी खुद की डीजे की दुकान खोलना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने पहले चोरी की जगह की रेकी की और गूगल लोकेशन व वीडियो कॉल्स की मदद से प्लान को फाइनल किया।
पुराने दोस्त ने दिया धोखा
आरोपी प्रकाश चन्द ने बताया कि चोरी की योजना उसके पुराने दोस्त रोशन जाट के घर पर तैयार की गई थी। दोनों की दोस्ती तब हुई थी जब वे जेल से बाहर आए थे। जेल से बाहर आने के बाद दोनों ने एक टैक्सी बाइक चलाने वाली कंपनी में काम करना शुरू किया। धीरे-धीरे दोनों के बीच घनिष्ठता बढ़ी और इसी बीच डीजे का सामान चुराने (Steal dj stuff) का विचार आया। चोरी के दिन, प्रकाश ने अपने साथी विक्रम के साथ मिलकर रोशन के घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरों (cctv cameras) से जानकारी जुटाई और फिर रात में चोरी को अंजाम दिया।
पिकअप में भरकर ले गए डीजे का सामान
चोरी करने के बाद आरोपी पिकअप वाहन में सामान भरकर वहां से फरार हो गए। उन्होंने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर यह काम किया ताकि किसी को शक न हो। जब रोशन जाट ने अपने घर में चोरी की घटना देखी तो उसने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की।
अलवर में पकड़े गए दोनों आरोपी
पुलिस ने आरोपी प्रकाश और विक्रम को अलवर में दबिश देकर गिरफ्तार किया। उनके पास से करीब 15 लाख रुपये की कीमत का डीजे का सामान बरामद किया गया। इसके अलावा पिकअप वाहन और चोरी में इस्तेमाल की गई लोहे की रॉड भी पुलिस ने जब्त कर ली। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से लगातार पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने पहले भी इस तरह की कोई घटना को अंजाम दिया है या नहीं।
सीसीटीवी फुटेज बना सबूत
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका सीसीटीवी फुटेज ने निभाई। फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि दोनों आरोपी पिकअप में सामान भरकर ले जा रहे थे। पुलिस ने इसी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की और उन्हें पकड़ने में कामयाबी हासिल की।
आगे की जांच जारी
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस चोरी में और लोग शामिल थे या नहीं। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि क्या रोशन जाट ने कहीं और से डीजे का सामान चोरी किया था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। दोनों आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने पहले भी कोई आपराधिक गतिविधि में संलिप्तता दिखाई है या नहीं।
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दोस्ती का गलत इस्तेमाल
यह घटना इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें दोस्ती का नाजायज फायदा उठाया गया। जहां एक ओर रोशन जाट ने अपने दोस्त पर भरोसा किया, वहीं दूसरी ओर प्रकाश चन्द ने इसी भरोसे का गलत फायदा उठाते हुए चोरी को अंजाम दिया। यह घटना समाज में बढ़ती आपराधिक प्रवृत्ति की ओर भी इशारा करती है, जिसमें लोग अपने नजदीकी रिश्तों का भी दुरुपयोग करने से नहीं चूकते।