अजमेर। राजस्थान में अजमेर डिस्कॉम (Ajmer Discom) के मावली उपखंड कार्यालय से जुड़ा एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां कैशियर धर्मवीर चौधरी पर 1 करोड़ 14 लाख 82 हजार रुपये के गबन का आरोप (Cashier Dharamveer Chaudhary accused of embezzlement of Rs 1 crore 14 lakh 82 thousand) लगा है। इस गबन ने विभाग और प्रशासन को हिला कर रख दिया है। आरोप है कि कैशियर ने बिजली के बिलों और कनेक्शन से जुड़ी राशि की रसीदें तो काटी, लेकिन उस धनराशि को विभागीय खाते में जमा नहीं किया। इसके बजाय उसने रजिस्टर में कम राशि की एंट्री कर अपने घोटाले को छिपाने की कोशिश की।
यह मामला तब सामने आया जब डिस्कॉम के अधिकारियों ने दिसंबर महीने का हिसाब मांगा। शुरू में कैशियर धर्मवीर ने आठ दिन तक बहाने बनाकर हिसाब देने से टालमटोल किया। लेकिन जब सख्ती की गई, तो वह अचानक 19 दिसंबर से गायब हो गया और उसका फोन भी बंद हो गया। इसके बाद मामले की गहराई से जांच की गई, जिसमें गबन की पुष्टि हुई।
कैसे हुआ घोटाला?
डिस्कॉम के एईएन बिजेंद्र गहलोत ने बताया कि हर महीने 1 से 10 तारीख तक सभी कैशियर को महीने भर की वित्तीय रिपोर्ट (Financial report) देनी होती है। 10 दिसंबर तक कैशियर धर्मवीर ने हिसाब नहीं दिया और लगातार बहाने बनाता रहा। 18 दिसंबर को जब अधिकारियों ने सख्ती दिखाई, तो वह अगले ही दिन से लापता हो गया। जांच में यह सामने आया कि धर्मवीर ने बिजली के बिल, कनेक्शन जुड़वाने, कटवाने और अन्य सेवाओं के शुल्क की रसीदें तो काटी (Receipts for electricity bill, connection connection, disconnection and other services charges are deducted) , लेकिन उन राशियों को बैंक में जमा नहीं कराया।
इसके अलावा, आरोप है कि उसने फर्जी रसीद बुक तैयार की थी, जिसका इस्तेमाल कर वह कस्टमर्स को असली रसीद का भ्रम देता था। जांच में यह भी पता चला कि उसने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से धनराशि के रिकॉर्ड में भी हेरफेर (Money records also manipulated) किया था।
जांच और कार्रवाई
इस मामले की शिकायत मावली के एईएन बिजेंद्र गहलोत ने मावली थाना प्रभारी रमेश कविया को दी। शिकायत में यह भी कहा गया है कि गबन की गई पूरी राशि वसूल की जाए। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी कैशियर धर्मवीर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
डिस्कॉम के एमडी केपी वर्मा ने तत्काल प्रभाव से आरोपी कैशियर धर्मवीर चौधरी, सहायक अभियंता बिजेंद्र गहलोत, और सहायक राजस्व अधिकारी आदित्य निमावत को सस्पेंड (suspend) कर दिया है। विभाग ने यह भी साफ किया है कि मामले की जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
क्या कह रहे हैं अधिकारी?
डिस्कॉम के अधिकारियों ने बताया कि यह धनराशि राजस्व से प्राप्त हुई थी, जो मुख्य रूप से बिजली के बिल, नए कनेक्शन, कनेक्शन काटने और अन्य सेवाओं से संबंधित थी। कैशियर को यह धनराशि बैंक में जमा करनी थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। अधिकारी यह भी जांच कर रहे हैं कि क्या इस घोटाले में और कोई कर्मचारी शामिल था।
ग्रामीण और कस्टमर चिंतित
इस घटना के सामने आने के बाद क्षेत्र के ग्रामीण और बिजली उपभोक्ता परेशान हैं। कई लोगों का कहना है कि उन्होंने समय पर बिल का भुगतान किया था, लेकिन अब यह घोटाला सामने आने के बाद उन्हें डर है कि कहीं उनके भुगतान की राशि भी प्रभावित न हो।
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पुलिस की कार्रवाई जारी
पुलिस ने आरोपी कैशियर की तलाश तेज कर दी है। मावली थाना प्रभारी रमेश कविया ने बताया कि धर्मवीर चौधरी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस ने उसके परिवार और परिचितों से भी पूछताछ शुरू कर दी है।