जयपुर। राजस्थान में कृषि मंडियों का कारोबार चार दिनों के लिए पूरी तरह ठप रहेगा। 1 से 4 दिसंबर तक प्रदेश की 247 कृषि मंडियां बंद रहेंगी। इस बंद का असर दाल, आटा, चावल, तेल मिल और मसाला उद्योगों पर भी पड़ेगा। बंद का आह्वान राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने किया है।
बंद के मुख्य कारण
कृषक कल्याण फीस में वृद्धिः 1 दिसंबर से कृषक कल्याण फीस को 1ः किए जाने का व्यापारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। राज्य के बाहर से आने वाले माल पर मंडी सेस वसूलने का विरोध किया जा रहा है। रिप्स योजना में नई मिलों को मिलने वाली छूट पुरानी मिलों को नहीं दिए जाने से व्यापारी नाराज हैं।
संघ की चेतावनी
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता ने कहा है कि चार दिन की इस हड़ताल के बाद 4 दिसंबर को आमसभा में आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने सरकार से व्यापारियों की मांगों को गंभीरता से लेने की अपील की है।
यह भी पढ़े: 1.38 करोड़ का मायरा लेकर पहुंचे भाई, सोना-चांदी और नकदी समेत दो बीघा जमीन उपहार में दी
संभावित प्रभाव
मंडियों के बंद रहने से किसानों की फसल खरीद और बिक्री प्रभावित हो सकती है। दाल, चावल और मसालों की आपूर्ति बाधित होने से कीमतों में अस्थायी बढ़ोतरी हो सकती है। तेल मिल और अन्य खाद्य उद्योगों पर भी मंदी का असर पड़ सकता है। यह चार दिवसीय हड़ताल कृषि और खाद्य व्यापार क्षेत्र के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। आगे सरकार और व्यापारियों के बीच बातचीत से ही समाधान की उम्मीद की जा रही है।