जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर के तूंगा थाना इलाके में बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष गेंदी लाल मीणा की हत्या (Murder of former BJP Mandal President Gendi Lal Meena) ने सनसनी फैला दी है। इस घटना ने न केवल आम जनता को झकझोर दिया है, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या के बाद परिजनों द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए किए गए संघर्ष और पुलिस की लापरवाही ने इस मामले को और विवादास्पद बना दिया है।
घटना का पूरा विवरण
मंगलवार की शाम गेंदी लाल मीणा, जो कि बीजेपी के पूर्व मंडल अध्यक्ष थे, पाटन चौराहे पर सब्जी खरीदने गए थे। इसी दौरान गंगाधर मीणा नामक व्यक्ति ने अपने साथियों के साथ मिलकर उन पर जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में गेंदी लाल गंभीर रूप से घायल हो गए।
हमले के बाद परिजनों ने तुरंत उन्हें एसएमएस अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां वेंटिलेटर की कमी के चलते उन्हें मानसरोवर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहा इलाज के दौरान गेंदी लाल की मौत हो गई।
पुलिस की लापरवाही
गेंदी लाल मीणा के परिजन बुधवार को तूंगा थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की। लेकिन पुलिस ने दिनभर उन्हें टालमटोल कर थाने में बिठाए रखा और रिपोर्ट दर्ज नहीं की। मामला जब वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया, तब जाकर हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई।
यहां तक कि हत्या जैसी गंभीर घटना के बावजूद पुलिस ने साधारण धाराओं में मामला दर्ज किया, जिससे मृतक के परिजन और समर्थकों में आक्रोश फैल गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि गेंदी लाल के परिजन और बीजेपी कार्यकर्ता एसएमएस अस्पताल के मुर्दाघर के बाहर धरने पर बैठ गए।
परिजनों के गंभीर आरोप
मृतक के बेटे गिर्राज मीणा ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप (Serious allegations against police administration) लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग एक साल पहले भी गंगाधर मीणा ने गेंदी लाल पर जानलेवा हमला किया था, लेकिन तब भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गंगाधर मीणा इलाके में हथियारों के बल पर डर का माहौल बनाए हुए है। उसके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, फिर भी वह पुलिस की पकड़ से बाहर रहा है।
भाजपा नेताओं का प्रदर्शन
गेंदी लाल मीणा की हत्या की खबर मिलने के बाद BJP नेता कन्हैयालाल मीणा और चंद्रमोहन मीणा सहित कई कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस की लापरवाही की कड़ी आलोचना की और मृतक के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की।
फरार आरोपी और पुलिस की कार्रवाई
हत्या के बाद से आरोपी गंगाधर मीणा फरार चल रहा है। पुलिस ने उसकी तलाश में विशेष टीमें गठित की हैं, लेकिन अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
प्रदेश सरकार पर उठे सवाल
इस घटना ने राजस्थान में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद पार्टी के पूर्व मंडल अध्यक्ष की हत्या और पुलिस द्वारा लापरवाही बरतने का मामला राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है।
न्याय की उम्मीद
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को न्याय का आश्वासन दिया। उन्होंने हत्या का मामला दर्ज करने और पूर्व में दर्ज मामलों में सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इसके बाद मृतक के परिजन पोस्टमार्टम के लिए राजी हुए।
क्या पुलिस आरोपी तक पहुंचेगी?
अब देखना यह है कि पुलिस कितनी जल्दी आरोपी गंगाधर मीणा को गिरफ्तार करती है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अपराधियों पर लगाम कसने और आम जनता को न्याय दिलाने में पुलिस और प्रशासन कितने सक्षम हैं।
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गेंदी लाल मीणा की हत्या केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर एक कड़ा सवाल है। यह घटना यह बताती है कि न्याय पाने के लिए लोगों को कितना संघर्ष करना पड़ता है। उम्मीद है कि इस मामले में जल्द न्याय होगा और अपराधियों को सख्त सजा दी जाएगी।