जयपुर। राजस्थान के कोटा संभागीय आयुक्त और आईएएस अधिकारी राजेंद्र विजय के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई छापेमारी में उनके पास से भारी मात्रा में चल-अचल संपत्तियों का खुलासा हुआ है। छापेमारी के दौरान 13 व्यावसायिक और आवासीय भूखंडों के दस्तावेज, 16 बैंक खातों में लाखों रुपये, 335 ग्राम सोना, 11.8 किलो चांदी के आभूषण, और तीन चौपहिया वाहन मिलें हैं। इसके अलावा, बीमा पॉलिसियों में भारी निवेश और एक बैंक लॉकर भी मिला है, जिसकी तलाशी अभी बाकी है।
छापेमारी एसीबी के बाद डीजी डॉ. रविप्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि राजेंद्र विजय का जयपुर के टोंक रोड पर एक आलीशान मकान है। इसके साथ ही जीटी गलेरिया, अशोक मार्ग, सी-स्कीम स्थित एक व्यावसायिक शोरूम भी उनके नाम पर पाया गया है। जयपुर, कोटा और दौसा में स्थित चार ठिकानों पर एक साथ तलाशी अभियान चलाया गया। इस कार्रवाई में एसीबी की कई टीमें शामिल थीं, जिनमें जयपुर के डीआईजी कालूराम रावत, कोटा के एएसपी विजय स्वर्णकार, एएसपी मुकुल शर्मा, और दौसा के उपाधीक्षक नवल किशोर मीणा के नेतृत्व में अधिकारियों ने छापेमारी की।
गोपनीय शिकायत के आधार पर हुई छापेमारी
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई एक गोपनीय शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजेंद्र विजय और उनके परिवार ने भ्रष्टाचार के माध्यम से अपनी वैध आय से कहीं अधिक चल-अचल संपत्तियां अर्जित की हैं। इस शिकायत की पुष्टि एसीबी की इंटेलिजेंस शाखा ने गुप्त रूप से की। इसके बाद, एसीबी ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया। उन्होंने बताया कि एसीबी जयपुर के डीआईजी कालूराम रावत के सुपरवीजन में अनुसंधान अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में न्यायालय से तलाशी वारंट लेकर बुधवार को छापेमारी की।
तलाशी में मिली करोड़ों की अवैध संपत्ति
प्रारंभिक जांच और अब तक बरामद दस्तावेजों के अनुसार, राजेंद्र विजय ने अपने सेवाकाल के दौरान भ्रष्टाचार के साधनों से करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। एसीबी का कहना है कि यह संपत्ति उनकी वैध आय से बहुत अधिक है, और इसे पूरी तरह से भ्रष्टाचार के माध्यम से ही अर्जित किया गया है। इसके अलावा, उनके और उनके परिजनों द्वारा कई बेनामी संपत्तियों में निवेश के भी साक्ष्य मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जा रही है।
एपीओ किए गए राजेंद्र विजय
छापेमारी के बाद, राजेंद्र विजय को तत्काल प्रभाव से एपीओ कर दिया गया है। राजेंद्र विजय ने हाल ही में, 25 सितंबर को ही कोटा के संभागीय आयुक्त के पद पर कार्यभार संभाला था, लेकिन इस बड़े खुलासे के बाद अब उनके खिलाफ एसीबी की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। एसीबी ने उनके जयपुर में टोंक रोड (तारों की कूट) स्थित मकान, कोटा के सरकारी आवास व दफ्तर और दौसा के दुब्बी स्थित पैतृक मकान पर आज एसीबी की अलग-अलग टीमों ने छापेमारी कर तलाशी की।
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एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में तलाशी अभियान अभी भी जारी है, और बैंक लॉकर सहित अन्य संपत्तियों की जांच भी की जा रही है। एसीबी के अनुसार, इस मामले में आगे और भी खुलासे होने की संभावना है। राजेंद्र विजय के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी द्वारा अग्रिम अनुसंधान जारी रहेगा, और भ्रष्टाचार के माध्यम से अर्जित की गई सभी संपत्तियों का विस्तृत आकलन किया जाएगा।