डूंगरपुर। चिकित्सा विभाग की टीम ने ऑपरेशन ब्लैक थंडर (operation black thunder) के तहत राजस्थान गुजरात बोर्डर पर पुनावाड़ा गांव में पिछले तीन साल से फर्जी तरीके से एक किराये के कमरे में संचालित हो रहे चिकित्सालय का भांडा फोड़ (Hospital busted) किया है। साथ ही अस्पताल संचालक दसवीं फेल (Hospital operator failed 10th) एक युवक के खिलाफ धंबोला थाने में मामला दर्ज करवाया। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर अनुसंधान शुरू कर दिया हैं।
सीएमएचओ डॉ. अलकार गुप्ता ने बताया कि ऑपरेशन ब्लैक थंडर के तहत टीम पुनावाड़ा गांव में मॉ जनरल हॉस्पिटल (Maa General Hospital) पहुंची। यहां पर कोई चिकित्सक व स्टॉफ मौजूद नही था। चिकित्सालय में कुल 8 बेड थे। इनमें से दो बेड पर दो मरीज भर्ती थे। भर्ती महिला सुमित्रा पत्नी राकेश डामोर ने बताया कि कुछ देर पहले ही उसकी डिलेवरी हुई है। उसने एक बच्ची को जन्म दिया है। वहीं, दूसरे बेड पर डूंगरसारण निवासी तेजल पुत्री रामलाल अहारी भी भर्ती थी।
जांच के दौरान यह चिकित्सालय जितेंद्र भगोरा की ओर से चलाना पाया गया और जांच के दौरान चिकित्सक होने के कोई दस्तावेज मौके से नही मिले। वहीं, टीम ने जितेंद्र को झोलाछाप बताया। टीम में बीसीएमएचओ डॉ नरेंद्र प्रजापत, डॉ रोहित लबाना, नर्सिंग ऑफिसर मदनलाल, युवराज व कांस्टेबल युवराज शामिल रहे।
गुजरात में करता था सफाई काम
सीएमएचओ ने बताया कि मेघरेज निवासी जितेंद्र भगोरा चिकित्सालय संचालित कर रहा था। इससे पहले वह गुजरात के एक निजी चिकित्सालय में सफाईकर्मी का काम करता था। यहां पर लेबर रुम में ड्यूटी होने कारण वह काम को जानने लगा एवं यहां पुनावाड़ा में एक चिकित्सालय खोल दिया। टीम को मौके पर गर्भपात, बीपी, एंटीबाइटिक दवाइयां मिली है। जिसे जब्त किया है।
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बीसीएमएचओ प्रजापत ने बताया कि जितेंद्र ने गुजरात की सीमा से लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर चिकित्सालय खोल रखा है। गुजरात निवासी होने से गुजराती भाषा जानता है। यहां राजस्थान के साथ ही गुजरात से भी मरीज उपचार के लिए पहुंचते थे।