बीकानेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम ने बीकानेर जिले में एक बड़ी कार्रवाई अंजाम देते हुए दो कर्मचारियों को 70 हजार रुपए की रिश्वत (Bribe of 70 thousand rupees) लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए कर्मियों की पहचान गणेश कलवानी और मनीष कुमार के रूप में हुई है। गणेश कलवानी जूनियर एकाउंटेंट है, जबकि मनीष कुमार नगर विकास न्यास (UIT) में कैशियर के पद पर कार्यरत है।
जानकारी के अनुसार यह कार्रवाई एसीबी एएसपी महावीर शर्मा के निर्देशन में सीआई आनंद मिश्रा की टीम ने की। मामले में एसीबी के इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि 6 फरवरी को एक कंपनी के मैनेजर उनके पास शिकायत लेकर आए थे और बताया था कि करीब 18 लाख 75 हजार रूपये के बकाया बिल के भुगतान करने के एवज में 70 हजार रूपये रिश्वत मांगी जा रही है। जिस पर एसीबी ने 7 फरवरी को शिकायत का सत्यापन करवाया, सत्यापन के दौरान शिकायत सही पाए जाने पर आज ट्रेप जाल बिछाकर रिश्वत लेते हुए दोनों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया।
इंस्पेक्टर आनंद मिश्रा ने बताया कि दोनों के पास से एसीबी ने 70 हजार रुपए बरामद किए है। इस मामले में अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। साथ ही रिश्वतखोरी के मामले में गिरफ्तार हुए दोनों कर्मचारियों के घर और अन्य ठिकानों पर तलाशी की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है।
सीआई आनंद कुमार ने बताया कि यह राशि स्ट्रीट लाइट कंपनी के बकाया भुगतान की बदले में मांगी गई थी। जानकारी के मुताबिक उदय बिल्ट प्राइवेट लिमिटेड के सुपरवाइजर अशोक कुमार ने एसीबी को घूस मांगने के संबंध में शिकायत दी थी। शिकायत में अशोक ने बताया कि उनकी कंपनी का 18 लाख 75 हजार का भुगतान नगर विकास न्यास में बकाया है। इस भुगतान की एवज में जूनियर अकाउंटेंट गणेश कलवानी और कैशियर मनीष खत्री (Junior Accountant Ganesh Kalwani and Cashier Manish Khatri) ने 4.25 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 70 हजार रुपये का कमीशन मांगी।
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बातचीत के बाद बिल पास करने की एवज में 70 हजार रुपये देना तय हुआ था। जिसके बाद जब शिकायतकर्ता कैशियर मनीष खत्री, जूनियर अकाउंटेंट गणेश कलवाणी को रिश्वत की राशि दे रहा था, उसी समय पहले से ट्रैप के लिए तैयार खड़ी एसीबी की टीम ने दोनों को नकद राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की इस कार्रवाई से बीकानेर यूआईटी ऑफिस में हड़कंप जैसी स्थिति दिखी।