कोटा। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Chief Minister Bhajanlal Sharma) सीएम बनने के बाद पहली बार हाड़ौती में आ रहे हैं। उनका यह दौरा कोटा जिले में होगा, वे पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के तहत बड़ोद के नजदीक बने नोनेरा बांध (Nonera Dam), इसके बाद टोंक जिले के बनेठा में बन रहे ईसरदा डैम का निरीक्षण (Inspection of Isarda Dam) करेंगे।
मुख्यमंत्री भजनलाल के आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार वे कोटा जिले के नोनेरा और इसके बाद टोंक जिले के बनेठा में बन रहे ईसरदा डैम का निरीक्षण करेंगे। दोनों डैम ईआरसीपी परियोजना (ERCP Project) के तहत ही बन रहे हैं। सीएम के कोटा पहुंचने पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, उर्जा मंत्री हीरालाल नागर सहित भाजपा विधायक, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अगवानी करेंगे।
निर्धारित कार्यक्रम अनुसार, सीएम दोपहर 12ः30 बजे जयपुर से हवाई मार्ग के जरिए कोटा के लिए रवाना होगें। सीएम शर्मा सबसे पहले चंबल वैली प्रोजेक्ट के तहत बने डैम का हवाई सर्वे करेंगे, इसके तहत वो बूंदी जिले के जवाहर सागर बांध और चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित राणा प्रताप सागर डैम का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद में सीधे दोपहर 2 बजे कोटा में बड़ोद के नजदीक हेलीपैड पर उतरेंगे। करीब आधे घंटे उनका कोटा के नोनेरा बांध का निरीक्षण का कार्यक्रम तय किया गया है। यहां से वे दोपहर 2ः30 बजे हेलीकॉप्टर के जरिए ईसरदा डैम टोंक के बनेठा के लिए निकलेंगे। आधे घंटे ईसरदा डैम के निरीक्षण के बाद वो जयपुर के लिए 4 बजे प्रस्थान कर जाएंगे।
गत् दो दिनों से जिला प्रशासन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दौरे की तैयारी में जुटा हुआ है। जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता राजेंद्र पारीक से लेकर अधीक्षण अभियंता एजाजुद्दीन अंसारी उन्हें डैम की जानकारी देगें। इसके तहत नोनेरा बंद और पूर्वी राजस्थान नहरी परियोजना की जुड़ी हुई पूरी जानकारी भी सीएम शर्मा को उपलब्ध करवाई जाएगी।
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ERCP Project के तहत हाड़ौती की नदियों के सर प्लस पानी को 170 किलोमीटर दूर तक ले जाया जाएगा, इसके लिए पंपिंग, ग्रेविटी चैनल एस्कैप, ग्रेविटी फीडर, कैनाल, सुरंग और पानी के लिए पुलिया बनेगी। करीब 40,000 करोड़ से ज्यादा की परियोजना में 2 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचित करना और करीब 62 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध कराना है। ईआरसीपी से हाड़ौती के चारों जिलों बारां, बूंदी, कोटा और झालावाड़ के अलावा सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर और धौलपुर को फायदे का दावा किया जा रहा है।