राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस व प्रशासन बेहद ही मुस्तैदी से काम कर रहा है। चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है और हाइवे पर से निकलने वाली गाड़ियों को गहन चैकिंग के बाद जाने दिया जा रहा है। वहीं संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही शहर में भी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इन्हें विशेष प्रयास के तहत ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोटा में एक अवैध देसी शराब की फैक्ट्री को पकड़ा (An illegal country liquor factory caught in Kota) है, यह शराब लाखों रुपए की बताई जा रही है।
हजारों लीटर स्प्रिड बरामद
आरकेपुरम पुलिस ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ (Illegal liquor manufacturing factory busted) कर दिया। पुलिस ने फैक्ट्री से भारी मात्रा में नींबू ब्रॉड की अवैध शराब बरामद की है। शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने बताया कि सूचना मिली थी कि आरकेपुरम थाना क्षेत्र के विवेकानन्द नगर में चावला सर्किल के पास एक मकान में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री (Illegal liquor manufacturing factory in house) चल रही है।
इस सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा के निर्देशन में आरकेपुरम थानाधिकारी बाबूलाल मय पुलिस जाप्ता मौके पर पर पहुंचा और दबिश दी। पुलिस ने ड्रमों में भरी 200 लीटर अतिरिक्त शराब, 32 पव्वे भरे हुए बरामद किए हैं, पांच ड्रमों में 15 सौ किलो स्प्रिड बरामद की, वहीं 300 खाली कॉर्टन, 831 पव्वे, 1194 स्टीकर, 2 हजार ठक्कन पर लगाने वाले चमकिले स्टीकर, 16 हजार 500 ठक्कन नए 21 टेप रोल, 300 किलो क्षमता के 6 ड्रम, 5.5 लीटर के नींबू प्लेवर की भरी कैनए पेकिंग मशीन, दो बाइक तथा नम्बर प्लेट बरामद की है।
भनक लगते ही आरोपी फारार
चावला सर्किल के पास बारां निवासी राकेश नागर के मकान में अवैध शराब का कारोबार हो रहा था. मकान को किराए पर ले रखा है, मुख्य आरोपी कोटा जिले के सांगोद निवासी जितेन्द्र उर्फ जीतू मीणा है। संभवतः पुलिस की कारवाई की भनक लगने के कारण जीतू मीणा व अन्य लोग मकान से फरार हो गए।
यह भी पढ़ें: PM मोदी की सभा में ड्यूटी पर झुंझुनूं जा रहे खींवसर थाने के 5 पुलिसकर्मियों की मौत, 2 घायल
पुलिस दबिश के दौरान मकान बंद था तथा भीतर कोई नहीं मिला, मौके पर पहुंची टीम को मकान बंद मिला था। बंद मकान में पुलिस सीधे कार्रवाई नहीं कर सकती थी, इस कारण पुलिस अधीक्षक से सर्च वारंट लेने के तत्काल बाद कार्रवाई की गई, फैक्ट्री कब से चल रही थी। इस बारे में किसी आसपास रहने वालों तक को नहीं पता। हर्षराज ने बताया कि मकान मालिक व आरोपियों गिरफ्तारी के बाद पता चलेगा। फैक्ट्री में एक नम्बर प्लेट भी मिली है। डिप्टी हर्षराज के अनुसार नम्बर प्लेट मिलने से संभावना है कि चार पहिया वाहन की नम्बर प्लेट बदल कर शराब सप्लाई की जा रही थी, इस दिशा में अनुसंधान किया जा जाएगा। मुख्य आरोपी सहित अन्य आरोपियों की तलाश शुरू की है।