राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan assembly elections) काफी नजदीक है। इस बीच संवैधानिक पदों के Rajasthan में बढ़ रहे हस्तक्षेप को लेकर सियासत शुरू हो गई है। इससे पहले भी कांग्रेस अब तक उपराष्ट्रपति से लेकर राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) को निशाना बना चुकी हैं। इस बीच उदयपुर में असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया (Assam Governor Gulabchand Kataria) की एंट्री को लेकर Congress फिर से हमलावर हो गई हैं। कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उदयपुर के प्रत्याशी गौरव वल्लभ ने राज्यपाल कटारिया के उदयपुर आने पर एतराज जताया है। इसको लेकर उन्होंने चुनाव आयोग को शिकायत की है। जिसमें उन्होंने इसे आचार संहिता का सीधा उल्लंघन बताया है। बता दें कि इससे पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के राजस्थान दौरों को लेकर भी कांग्रेस सवाल खड़े कर चुकी हैं। इधर, राज्यपाल कटारिया के उदयपुर एंट्री को लेकर अब सियासत में पारा चढ़ गया है।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan assembly elections) के बीच असम के राज्यपाल की उदयपुर में एंट्री को लेकर अब सियासत गर्म हो चुकी है। इसको लेकर गौरव वल्लभ ने चुनाव आयोग को शिकायत की। इसमें उन्होंने इसे आदर्श आचार संहिता का सीधा उल्लंघन बताया है। चुनाव आयोग को की गई शिकायत में बल्लभ ने बताया कि असम के राज्यपाल संवैधानिक पद पर है। ऐसे व्यक्तियों को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होना चाहिए। गौरव वल्लभ ने कहा कि राज्यपाल कटारिया उदयपुर के भाजपा प्रत्याशी ताराचंद जैन के समर्थन में मीटिंग लेने के लिए उदयपुर आ रहे हैं। जो आदर्श आचार संहिता का सीधा उल्लंघन है।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) बीते दिनों राजस्थान के कई दौरे पर रहे। इसको लेकर CM Ashok Gehlot ने सवालिया निशान उठा कर उन्हें कटघरे में खड़े कर दिया। Ashok Gehlot ने आरोपों में कहा कि संवैधानिक पद पर होने के बाद उपराष्ट्रपति को पार्टी गतिविधियों में लिप्त नहीं होना चाहिए। गहलोत ने धनखड़ को निशाना बनाते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति अगर राष्ट्रपति बनेंगे तो, भी हम स्वागत करेंगे। लेकिन अभी मेहरबानी रखें। बार-बार सुबह शाम आ रहे हैं। दौरे कर रहे हैं, इसका कोई तुक नहीं है। चुनाव चल रहे हैं राजस्थान में। आप बार-बार आएंगे तो, क्या समझेंगे। यह संवैधानिक संस्थाएं हैं। इनका मान सम्मान रखना चाहिए।
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कांग्रेस की ओर से राज्यपालों को घेरने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र को भी घेर चुके हैं। गहलोत और पायलट के बीच चले सियासी संकट के दौरान गहलोत ने दो बार राजस्थान कैबिनेट की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की। लेकिन राज्यपाल ने इसे टेक्निकल आधार पर खारिज कर दिया था। इसको लेकर गहलोत ने कलराज मिश्रा को जमकर निशाने पर लिया। इस दौरान गहलोत ने यह तस्वीर पेश करने की कोशिश की। जिसमें BJP और राज्यपाल जनता की चुनी सरकार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।