कोटा। राजस्थान के कोटा शहर में कचौरी खाने वाले थोड़ा सावधान (Kachori eaters should be a little careful) हो जाइए। शहर की प्रमुख दुकानों पर काम में लिए गए पुराने तेल में कचौरियां तली (Kachoris fried in old oil) जा रही थी। फूड पैकेट पर भी बेस्ट बिफॉर नहीं लिखा मिला। शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत सोमवार को अतिरिक्त आयुक्त फूड सेफ्टी एंड ड्रग कंट्रोल राजस्थान पंकज ओझा ने कोटा में कचौरी एवं मिठाई निर्माताओं के यहां आकस्मिक निरीक्षण किया तो यह खुलासा हुआ। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम (Food Safety Department Team) ने 16 नमूने लिए है।
ओझा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे शुद्ध आहार-मिलावट पर वार अभियान के तहत नयापुरा स्थित रतन कचौरी एंड स्वीट्स का निरीक्षण करने पर मिठाइयों पर बेस्ट बिफॉर अंकित नहीं था। यहां पुराने तेल में ही नया तेल मिलाकर काम में लिया जा रहा था। फूड हैंडलर्स का मेडिकल सर्टिफिकेट मौके पर नहीं पाया गया। कचौरी तलने के स्थान पर जाले लगे हुए थे। दीवारों पर गंदगी लगी हुई थी।
आसपास भी अनहाइजीनिक स्थिति में कचौरी तलने का कार्य किया जा रहा था। विक्रेता को सुधार करने के निर्देश प्रदान करते हुए खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के नियम 32 के तहत नोटिस जारी किया।

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जोधपुर स्वीट्स गुमानपुरा का भी निरीक्षण किया गया। यहां पर मिठाइयों पर बेस्ट बिफॉर अंकित नहीं था (Best before was not marked on sweets)। महावीर नगर में जय अंबे कचौरी दुकान पर भी तीन बार में भी तेल नहीं बदला जा रहा था। पानी की जांच रिपोर्ट नहीं मिली। फूड हैंडलर्स का मेडिकल सर्टिफिकेट मौके पर नहीं पाया गया। ऐसे में दुकान संचालक को नोटिस जारी किया गया।