राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक बाल सुधार गृह से 23 किशोर कैदी फरार (23 juvenile prisoners escape from juvenile home) हो गए। सूचना मिलते ही ट्रांसपोर्ट नगर थाना पुलिस समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे, इसके बाद मामले में जानकारी ली और घटनास्थल पर जांच की। पुलिस का कहना है कि फरार किशोर कैदी की तलाश के लिए अलग-अलग टीमें गठित (Different teams formed to search for absconding juvenile prisoner) की गई हैं, जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस थानाधिकारी जुल्फिकार ने कहा कि बाल सुधार गृह (juvenile home) प्रशासन की शिकायत के आधार पर सभी किशोर कैदी के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने समेत संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। वहीं, फरार किशोर कैदी की तलाश के लिए पुलिस की अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं। फरार किशोर कैदी के खिलाफ रेप, चोरी, हत्या और हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं।
एक साथ 23 बच्चों के फरार होने से जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है और फरार बच्चों की धरपकड़ के लिए पुलिस कार्रवाई में जुट गई है। ये सभी बाल सुधार गृह के स्टोर को तोड़कर फरार हुए हैं। इनमें 8 लड़कों पर रेप और 13 लड़कों पर हत्या के प्रयास का केस चल रहा हैं। जबकि एक पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। गार्ड से जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और नाबालिगों की तलाश शुरू की गई। घटना सेठी कॉलोनी स्थित बाल सुधार गृह की है।
जयपुर के आदर्श नगर इलाके में स्थित बाल सुधार गृह में पुलिस पहुंची है। सूचना मिलने पर ट्रांसपोर्ट नगर थानाधिकारी जुल्फिकार अली खान जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं सूचना मिलते ही एडीसीपी ईस्ट सुमन चौधरी सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और बाल सुधार गृह के अधिकारियों से जानकारी जुटाई। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। बच्चों को पकड़ने के लिए स्पेशल टीमों का गठन किया गया है।
बाल सुधार गृह के अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि आज सुबह करीब 6 बजे केयरटेकर ने सूचना दी कि बीती रात को बाल सुधार गृह से पीछे की दीवार और खिड़की तोड़कर (By breaking the back wall and window of the juvenile home) मेंटल हॉस्पिटल की तरफ से बच्चे फरार हो गए हैं। हम लोगों को जैसे ही बच्चे फरार होने की सूचना मिली वैसे हम लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
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मनोज कुमार ने कहा कि बच्चों के फरार होने के मामले में प्राइवेट गार्ड की स्पष्ट लापरवाही दिख रही है। हम काफी समय से कोशिश कर रहे हैं कि यहां पर स्थाई गार्ड लगे। पुलिस या अन्य एजेंसी के गार्ड की यहां तैनाती की जाए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि फरार होने वाले बच्चों में ज्यादातर चोरी, पोक्सो और 376 के मामलों के आरोपी हैं। फिलहाल पुलिस को रिपोर्ट दे दी गई है।