पिछले साल रूस के साइबेरिया (Siberia) के पर्माफ्रॉस्ट से बेहद एक प्राचीन वायरस (Virus) खोजा गया था। इतने कम तापमान में हजारों साल पड़े रहने के बाद भी यह वायरस सक्रिय (Active Virus) था। इसलिए इसे नाम दिया गया हैं जॉम्बी वायरस (Zombie Virus)। अब वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि ये वायरस अब भी संक्रमण फैला सकता है। इस वायरस ने एक कोशिका वाले अमीबा (Amoeba) को संक्रमित किया है।
यह जॉम्बी वायरस (Zombie Virus) जानवरों और इंसानों को संक्रमित कर पाएगा या नहीं, यह फिलहाल वैज्ञानिक बता नहीं सकते। लेकिन अपनी स्टडी में इस बात का दावा जरूर किया हैं कि पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost) से निकलने वाले वायरस (Virus) लोगों के लिए भयानक खतरा बन सकते हैं। पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost) मिट्टी की ऐसी परत होती है जो सदियों तक बर्फ में जमी रहती है। उत्तरी गोलार्ध का 15 प्रतिशत हिस्सा पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost) है। लेकिन जिस हिसाब से ग्लोबल वॉर्मिंग (Global Warming) बढ़ रही है, उससे पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने का खतरा बढ रहा है।
आपको बता दे कि रूस (Russia) के सुदूर पूर्वी इलाके में स्थित साइबेरिया (Siberia) के पर्माफ्रॉस्ट से पांच अलग-अलग प्रजातियों के 13 वायरसों को खोजा गया है। इनमें से कुछ वायरस 48,500 साल पुराने हैं। तब से लेकर अब तक ये बर्फ में दबे सो रहे थे। लेकिन अब ये जाग गए हैं। पर्माफ्रॉस्ट (Permafrost) में दबे वायरस सदियों से किसी जीव के संपर्क में नहीं आए हैं। ये किसी जीव के संपर्क में आने पर किस तरह से रिएक्ट करेंगे, ये बता पाना अभी तक मुश्किल है।
इनमें से तीन वायरस सबसे नए हैं। उनकी उम्र 27 हजार साल है। इन वायरसों (Virus) को मैमथ के मल से हासिल किया गया था। जब इन वायरसों की जांच की गई तो पता चला कि ये मिट्टी और पानी में मौजूद सिंगल सेल अमीबा को संक्रमित कर सकते हैं। लेकिन अगर मौका और सही वातावरण मिले तो ये खतरनाक पैथोजन बन सकते हैं। यानी भविष्य में बड़े स्तर की महामारी या संक्रमण फैला सकते हैं। ये अब भी संक्रमण फैलाने और खुद को रेप्लीकेट करने में भी सक्षम हैं।