देश के सबसे बड़े राज्य राजस्थान (Rajasthan) को बांटकर एक अलग राज्य मरू प्रदेश (Maru Pradesh) बनाने की मांग तो लंबे समय से की जा रही है। ये मांग राजस्थान (Rajasthan) के पश्चिम भाग में स्थित कई जिले कर रहे हैं। दरअसल, ये जिले रेगिस्तानी इलाकों में हैं इसलिए समुचित विकास के लिए अलग मरू प्रदेश (Maru Pradesh) राज्य की मांग कर रहे हैं। बता दे कि 7 करोड़ की आबादी वाले राजस्थान (Rajasthan) में अभी 50 जिले हैं। हाल ही में राजस्थान (Rajasthan) के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन की बडी घोषणा की है। 17 साल बाद राजस्थान में ऐसा किया गया है।
कई नए जिलों के गठन के लिए लंबे समय से मांग की जा रही थी, इस बीच, मरू प्रदेश की डिमांड करने वाले लोगों को उम्मीद है कि आगामी विधानसभा चुनाव से अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) एक और बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में 19 नए जिलों के गठन के बाद मरू प्रदेश नाम से अलग राज्य बनाने की मांग भी तेजी हो सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले ही 19 नए जिलों के गठन के ऐलान से चैंका चुके हैं। अब जब राजस्थान में कुल जिलों की संख्या 50 हो चुकी है तो नए अलग राज्य के गठन को लोग अब असंभव नहीं मान रहे हैं।
यदि राजस्थान को दो अलग हिस्सों में बांटा जाए तो पश्चिमी प्रदेश का नाम मरू प्रदेश हो सकता है। थार मरूस्थलीय क्षेत्र के जिले इसमें शामिल हो सकते हैं। 50 जिलों में से 17 से ज्यादा जिले नए प्रदेश में शामिल हो सकते हैं। नए प्रदेश का हिस्सा जालोर, बाड़मेर, सांचोर, फलौदी, बालोतरा, जोधपुर पश्चिम, जोधपुर पूर्व, बीकानेर, जैसलमेर, अनूपगढ़, श्रीगंगानगर, पाली, नागौर, चूरू, सीकर, नीमकाथाना और डीडवाना कुचामन जिले हो सकते हैं।
बात करे राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय कि तो वो ज्यादा है, लेकिन पश्चिम राजस्थान के जिलों में रहने वालों का एवरेज निकाला जाए तो उनकी आय काफी कम है। अलग राज्य बनने से लोगों को तेज विकास होने की उम्मीद है।