राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत- पुर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Chief Minister Ashok Gehlot- Former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) के बीच चल रही राजनीतिक खिंचतान पर फैसला कब होगा? इसे लेकर तीन साल से इंतजार किया जा रहा है। दरअसल, राजस्थान कांग्रेस के एक धड़े को पिछले तीन सालों से आलाकमान के फैसले का इंतजार है और जिन मुद्दों की फेहरिस्त पर फैसले लेना था, इन तीन सालों में उस फेहरिस्त में कई पन्ने और जुड़ गए हैं। अब कहा जा रहा है कि 26 मई को राजस्थान को लेकर बड़ा फैसला (Big decision regarding Rajasthan on 26th May) हो सकता है। इसके लिए पार्टी की ओर से दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई गई है।
इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधान सभा स्पीकर सीपी जोशी, प्रदेशाध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और पुर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के शामिल होने की उम्मीद है। साथ ही भंवर जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी सहित राजस्थान के कई बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। इस बात का संकेत प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (State in-charge Sukhjinder Singh Randhawa) ने भी दिया था कि राजस्थान में दो के अलावा और भी बड़े नेता हैं।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई गई बैठक में लम्बे समय से लंबित पड़े राजस्थान के मुद्दों के साथ ही विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा होगी। साथ ही प्रदेश के कई नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। इस बैठक में पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल और प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा भी मौजूद रहेंगे।
सियासी हलकों में चर्चाएं हैं कि इस बैठक में सचिन पायलट के रोल को लेकर भी चर्चा संभव है। विधानसभा चुनाव में पायलट की क्या भूमिका होगी, इस पर चर्चा हो सकती है। साथ ही प्रदेश संगठन में भी बदलाव संभव है। कई जिलों में पार्टी संगठन नहीं है, लिहाजा ऐसे में संगठन को मजबूत करने पर भी इस बैठक में जोर रहेगा। इसके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं। नॉन परफार्मिंग मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है।
कुल मिलाकर कांग्रेस आलाकमान पुरानी बातों को भुला कर आगे की रणनीति पर जोर देने की कोशिश करेगा। सभी से चर्चा करके खाका तैयार किया जाएगा और मतभेद भुला कर एक जाजम पर आ कर चुनाव लड़ने की कोशिश रहेगी। हालांकि इस बैठक से क्या कुछ तस्वीर सामने निकल कर आती है। यह देखना दिलचस्प रहेगा। हालांकि सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दे रखा है, इसपर चर्चा होती या नहीं इसपर भी सबकी निगाहें टिकी रहेगी।