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डेली यूज की इन चीजों में है जानलेवा केमिकल, शरीर को ले जाएगा मौत की ओर

Plastic bottles, nonstick items, mobile covers, make-up items, shampoos, umbrellas and nail polish

अगर हम आपसे कहें कि जिन चीजों को आप रोजाना इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे आप मौत की तरफ अपना कदम बढ़ा रहे हैं, तो आप इस बात पर यकीन करोगे? नहीं न, तो आइए जानते हैं इस स्टडी के बारे में।

अमेरिका में इन दिनों एमवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी (Environmental Protection Agency) पानी में मिले एक जानलेवा केमिकल को लेकर काफी चर्चा कर रही है। यहां बात पर-एंड-पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (per- and polyfluoroalkyl substances) की हो रही हैं जो कि पानी में मिल कर इसे जहरीला बना रहा है और लोगों को कैंसर, लिवर और किडनी से जुड़ी जानलेवा बीमारियों (Life Threatening Diseases) की ओर ले जा रहा है। ध्यान देने वाली बात ये है कि जिन चीजों में ये कैमिकल पाया जाता है, उनमें से ज्यादा चीजें हमारे घरों में इस्तेमाल हो रही हैं। कैसे, जानते हैं इर पूरी रिपोर्ट के बारे में विस्तार से।

नॉनस्टिक, मोबाइल और शैंपू जैसी चीजों में मिलता है ये केमिकल
जी हां, भले ही आपको यह जान कर हैरानी हो रही होगी लेकिन, पर-एंड-पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (PFAS) नाम का ये केमिकल आमतौर पर प्लास्टिक की बॉटल, नॉनस्टिक चीजें, मोबाइल कवर, मेकअप के सामान, शैंपू, छतरी और नेल पॉलिश Plastic bottles, nonstick items, mobile covers, make-up items, shampoos, umbrellas and nail polish तक में केमिकल पाया जाता है।

सबसे पहले करता है पानी को दूषित
दरअसल, ये केमिकल सबसे पहले पानी और पानी में रहने वाले जीवों जैसे की मछली आदि को प्रभावित करता है। ऐसे में जो पानी आपके घरों में आता है उसमें इस केमिकल के दूषित कण होते हैं। साथ ही ये मछली और सी-फूड में भी हो सकता है और इस तरह पानी और खाना के जरिए ये आपको बीमार कर सकता है।

इस तरह बनता है जानलेवा
International agency for research on cancer study में बताया गया है कि पर-एंड-पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (PFAS) सबसे पहले आपके हार्माेनल और ग्रोथ हार्माेन को प्रभावित करता है और थायराइड और हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। साथ ही ये ब्लड कैंसल, ब्रेन की बीमारियों, इनफर्टिलिटी और किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

साथ ही इस स्टडी में बताया गया है कि 98 प्रतिशत अमेरिकों के शरीर में ये केमिकल मिला है और इसलिए, अमेरिका में इस केमिकल के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए गाइडलाइन जारी की जा रही है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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