जोधपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में एक किसान का आरोप (Allegations of a farmer in Jodhpur) है कि जमीन के बंटवारे के कागजात बनाने के लिए तहसीलदार की ओर से 2 लाख की रिश्वत मांग (2 lakh bribe demand from tehsildar) की है। इस पर किसान अपने परिवार के 9 बच्चों को तहसील कार्यालय में छोड़ कर चला गया (Farmer left 9 children of his family in Tehsil office)। जोधपुर कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
मामले के मुताबिक जिले के फलोदी में एक किसान श्यामलाल बिश्नोई की एक जमीन 1998 से कुर्क है। जमीन का बंटवारा करने के मामले को लेकर 14 किसानों के हिस्से की जमीन को चिह्नित कर उनके कागजात बनवाने थे। 2 मई को एक किसान के कागज तैयार कर दिए गए। ऐसे में जमीन के बाकी 13 खातेदारों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार 2 लाख की रिश्वत की मांग कर रहा है। 13 किसानों में श्यामलाल भी शामिल था।
श्यामलाल विश्नोई ने बताया कि बुधवार शाम को अपने परिवार के 9 बच्चों को लेकर फलोदी तहसीलदार हुक्मीचंद के पास पहुंचा और कहा कि उसके पास 2 लाख रुपए नहीं है, इसलिए अपने बच्चों को छोड़कर जा रहा हूं। जिस दिन 2 लाख रुपए होंगे उस दिन बच्चों को वापस ले जाऊंगा। इसके बाद श्यामलाल बच्चों को छोड़कर गांव लौट गया। श्यामलाल से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उसने फोन बंद कर लिया। बाद में देर रात को सरपंच से बात कर आपसी समझाइश से बच्चों को वापस गांव भेज दिया गया है।
फलोदी एसडीएम अर्चना व्यास ने बताया कि कोर्ट में बंटवारे का मामला चल रहा है। मौका स्थिति बनाने के लिए दोनों पक्ष सहमत थे, लेकिन सहमति बनी नहीं है। एसडीएम ने बच्चों को कार्यालय में छोड़कर जाने पर श्यामलाल के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दी है।
तहसीलदार हुक्मीचंद का कहना है कि खातेदारों के अनुरोध पर कोर्ट ने पीडी जारी करने को कहा है, लेकिन अभी तक जारी नहीं हुई है। साथ ही उसने रिश्वत के आरोपों को निराधार बताया है।
जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर फलोदी को जांच के आदेश दिए है।