भरतपुर। जिला कलेक्टर आलोक रंजन द्वारा आदेश जारी कर शीतलहर के चलते 18 जनवरी तक सभी निजी और सरकारी स्कूलों में कक्षा 8 तक की छुट्टी का आदेश दिया था इसके बावजूद निजी स्कूल में पढ़ाई चल रही है। आज एक प्राइवेट स्कूल की बस (Private school bus) जब बच्चों को घर से लेकर स्कूल जा रही थी तभी सड़क पर एक ट्रक से टकरा कर पलट गई (Collided with a truck and overturned) जिसमें करीब 30 बच्चे घायल (30 Children injured) हुए हैं। 8 बच्चों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
हादसा इतना भीषण था कि बच्चों की स्कूल बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हादसे के बाद बच्चों में चीख-पुकार मच गई। इस हादसे के बाद एसपी जिला आरबीएम अस्पताल पहुंचे और बच्चो की कुशलक्षेम पूछकर घटना की जानकारी ली।
हादसा नदबई थाना क्षेत्र में नदबई नगर मार्ग पर हुआ जिसमें एक निजी स्कूल बस घरों से बच्चों को भरकर स्कूल लेकर जा रही थी। बस में ज्यादातर छोटे बच्चे थे। चलते हुए बस मोड़ पर एक ट्रक से टकरा कर पलट गई जिससे बस क्षतिग्रस्त हो गई और उसमें सवार 30 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे की सूचना के बाद परिजनों में हाहाकार मच गया। तुरंत प्रभाव से पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और सभी बच्चों को नदबई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया जहां से 8 बच्चों को गंभीर हालत में जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है।
खास बात यह है कि जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने शीतलहर को देखते हुए कक्षा 8 तक के सभी निजी और सरकारी स्कूलों की 18 जनवरी तक छुट्टियां घोषित कर रखी हैं। कलेक्टर के आदेश के बावजूद नदबई में निजी स्कूल संचालित था जिसके चलते छोटे बच्चों को बस में भरकर स्कूल ले जाया जा रहा था और हादसा हो गया। निजी स्कूल साफ तौर पर जिला कलेक्टर के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं और उसी के चलते यह हादसा सामने आया है।
जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने घटना को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि, दुर्घटना पर संज्ञान में लेते हुए स्कूल के विरूद्ध कार्यवाही शुरू कर दी है। साथ ही डीईओ एवं नदबई सीबीईईओ के विरूद्ध भी विभागीय कार्यवाही करने की बात कही है। उन्होंने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एवं पुलिस विभाग के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के चलते एवं 19 जनवरी से विद्यालयों के पुनः संचालन होने की स्थिति को देखते हुए जिले की समस्त बाल वाहिनियां रोड सुरक्षा मानकों एवं बाल वाहिनी दिशा-निर्देशों के अनुसार ही संचालित हों ताकि किसी अप्रिय दुर्घटना से बचा जा सके।