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RTH BILL : विरोध के बीच इस जिला कलक्टर के जज़्बे के क़ायल हुए मुख्यमंत्री गहलोत

– अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में बैठकर मरीजों को देख दिया परामर्श

Chief Minister Gehlot convinced of the spirit of this district collector amid protests

बूंदी। Right to health bill- चिकित्सकों की हड़ताल (Doctors strike) के बीच मानव सेवार्थ आगे आए जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी (District Collector Dr. Ravindra Goswami came forward for human service) ने जिला चिकित्सालय के ट्रोमा वार्ड में बैठकर सेवाएं दी। मरीजों की जिला अस्पताल में भीड़ होने और लोगों के परेशान होने की जानकारी जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी को लगी तो उन्होंने मानवता का धर्म निभाते हुए मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर तुरंत जिला अस्पताल पहुंचे और ट्रॉमा सेंटर में बैठकर मरीजों की सारसंभाल की। जिला कलेक्टर ने मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें परामर्श देकर समय पर दवा लेने की सलाह दी। डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने 2 घंटे तक बैठकर मरीजों को देखा।

आपको बता दें बूंदी जिला कलेक्टर डॉ रविंद्र गोस्वामी पूर्व में चिकित्सा अधिकारी रह चुके हैं, जिन्होंने अपनी डॉक्टर की डिग्री का सदुपयोग कर मानव सेवा का जबरदस्त संदेश दिया है।

जिला कलेक्टर द्वारा मरीजों को अस्पताल में जाकर देखने की जानकारी जिला मुख्यालय से प्रदेश की राजधानी तक पहुंची तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी जिला कलेक्टर डॉ. रविंद्र गोस्वामी के जज़्बे की प्रशंसा ट्वीट कर दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा कि ऐसे ही सेवा भाव व समर्पण से चिरंजीवी हो रहा है राजस्थान। डॉ. रविंद्र गोस्वामी आपका यह जज़्बां प्रशंसनीय है।

सरकारी चिकित्सक भी हड़ताल में शामिल
राइट टू हेल्थ बिल (Right to health bill) के विरोध में निजी अस्पतालों के चिकित्सकों के साथ सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। जबकि रेजिडेंट डॉक्टर पहले से ही हड़ताल से जुड़े हुए हैं। ऐसे में जिला अस्पताल सहित ग्रामीण क्षेत्रों की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सभी सरकारी चिकित्सकों ने सामूहिक अवकाश पर रहकर विरोध जताया। जिला अस्पताल में सुबह से ही मरीजों की लंबी कतारें लगी रही और परिजन अस्पताल के एक कक्ष से दूसरे कक्ष में चिकित्सकों को तलाशते रहे, मरीज और परिजन चिकित्सकों का इंतजार करने करते रहे। जिला अस्पताल में गिनती के चिकित्सक अपनी सेवाएं देते रहे, जो मरीजों की संख्या के अनुपात में कारगर साबित नहीं हो पाए। इधर, राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में जिले के निजी लेब ओर जांच केंद्र भी बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में प्राइवेट जांचे सोनोग्राफी आदि नहीं हो पा रही है।

जनहित में आंदोलन वापस लें चिकित्सक- गौत्तम
इधर, राइट टू हेल्थ बिल (Right to health bill) को लेकर हड़ताल पर चल रहे चिकित्सकों से जनहित में आंदोलन वापस लेने का अनुरोध पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष राजीव लोचन गौतम किया है। गौत्तम ने अपने बयान में कहा कि चिकित्सकों को धरती पर भगवान का दर्जा प्राप्त है, उनकी हड़ताल से आमजन को असुविधा हो रही है कई लोग इलाज के अभाव में मर रहे हैं। लोगों के जरूरी ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। इसलिए चिकित्सकों को जनहित में अपना आंदोलन समाप्त कर जो भी उचित मांगे हैं सरकार से वार्ता कर समाधान निकाला जाना चाहिए। जो समस्याएं उनका हल निकाला जा सकता है।

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