जयपुर। राजस्थान की राजनीति (Politics of rajasthan) हर दिन नई करवट ले रही है। कर्नाटक की सत्ता में काबिज होने के बाद कांग्रेस की पैनी निगाहें अब राजस्थान पर है, जहां एक परंपरा को तोड़कर दोबारा सत्ता पर काबिज होने की जद्दोजहद है। ऐसे में कांग्रेस अपने घर के मतभेद दूर करके मजबूती से चुनाव में उतरना चाहती है। लंबे समय से अशोक गहलोत और सचिन पायलट के सुलह का फार्मूला (Reconciliation formula of Ashok Gehlot and Sachin Pilot) दिल्ली की प्रयोगशाला में तैयार किया जा रहा है।
दरअसल, राजस्थान पर निर्णायक फैसला लेने के लिए 26 मई की तारीख मुकर्रर की गई थी, जिसमें राजस्थान कांग्रेस के आला नेताओं को साथ बैठाकर फैसला होना था, लेकिन किसी कारण से यह बैठक टाल दी गई। वहीं अब चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने सुलह का फार्मूला तैयार कर लिया है और कहा जा रहा है कि इस फार्मूले के लिए सचिन पायलट भी तैयार है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फार्मूला तैयार (Formula ready to make Sachin Pilot the state president again) किया है, जबकि एक जाट नेता को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सचिन पायलट को पीसीसी चीफ बनाए जाने के सुझाव पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आपत्ति जताते हुए कहा कि गोविंद सिंह डोटासरा को पीसीसी चीफ पद से हटाने का फैसला सही नहीं होगा, क्योंकि हाल ही में भाजपा ने भी जाट चेहरे यानी सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया है जिससे जाट कम्युनिटी में नाराजगी है। अगर कांग्रेस भी यही करती है तो हमें भी नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं, दूसरी ओर सचिन पायलट पीसीसी चीफ के पद पर फिर से काबिज होने के लिए राजी हैं, हाल ही में कुछ ऐसा ही फार्मूला कर्नाटक में भी सफल रहा। जहां कांग्रेस के दो दिग्गज एक जाजम पर नजर आए और कांग्रेस को बड़ी जीत तक लेकर गए। कांग्रेस आलाकमान यही फार्मूला राजस्थान में भी लागू करना चाहती है। लिहाजा ऐसे में सचिन पायलट को पीसीसी की कमान दी जा सकती है, जबकि एक जाट चेहरे को एडजस्ट करने के लिए उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
कांग्रेस आलाकमान की ओर से कोई भी जाट चेहरा चुनने के लिए मुख्यमंत्री गहलोत फ्री हैंड होंगे, अगर यह फार्मूला लागू होता है तो जाट डिप्टी सीएम की रेस में गोविंद सिंह डोटासरा सबसे आगे हैं, वही कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे दोनों नेताओं से मुलाकात कर इस सियासी फार्मूला पर चर्चा कर सकते हैं, इस कड़ी में आगामी दिनों में दिल्ली में बैठक हो सकती है।