Power Crisis : कोयले की कमी के चलते ग्रामीण इलाकों में 4 घंटे, शहरी क्षेत्रों में डेढ़ घंटे होगी बिजली कटौती

जयपुर। प्रदेश में कोयला आपूर्ति नहीं होने के कारण बिजली संकट शुरू हो गया है। बढ़ती मांग की आपूर्ति नहीं होने के चलते सरकार ने पूरे राज्य में बिजली कटौती का फैसला किया है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों पर पड़ेगा। हालांकि कटौती कितने घंटे की होगी यह विभाग ने तय नहीं किया। लेकिन सूत्रों की मानें तो ग्रामीण अंचलों में दिन में 4 घंटे तक, जबकि शहरों में डेढ़ घंटे तक बिजली की सप्लाई बंद रखी जा सकती है। वहीं संभागीय जिला मुख्यालयों को डिस्कॉम ने कटौती से दूर रखा है। इनके अलावा बड़े एरिया में हॉस्पिटल, ऑक्सीजन जनरेशन सेन्टर, पेयजल आपूर्ती स्टेशन व मिलिट्री इन्स्टालेशन सेंटर्स पर कटौती नहीं की जाएगी।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए. सावंत ने बताया कि पिछले साल अप्रैल में बिजली की मांग प्रतिदिन करीब 2131 लाख यूनिट थी, लेकिन इस साल ये बढ़कर 2800 लाख यूनिट प्रतिदिन तक पहुंच गई है। पिछले साल की तुलना में इस साल बिजली की डिमांड 31 फीसदी से ज्यादा बढ़ गई। बिजली की मांग बढ़ने से एनर्जी एक्सचेंज सहित अन्य स्त्रोत भी महंगे दामों में बिजली आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं, जिसे देखते हुए पूरे राज्य में बिजली कटौती अब जरूरी हो गई।
बिजली संकट के पीछे सबसे बड़ा कारण कोयला आपूर्ति है। पिछले लम्बे समय से प्रदेश में कोयले की आपूर्ति पूरी नहीं हो पा रही है, जिसका असर बिजली उत्पादन पर पड़ रहा है। यही कारण है कि राज्य में मौजूद थर्मल पावर स्टेशन में बिजली उत्पादन कुल क्षमता का 65 फीसदी भी नहीं हो पा रहा। वर्तमान में सभी यूनिट्स की उत्पादन क्षमता 10 हजार 110 मेगावाट की है, लेकिन मौजूदा समय में लगभग 6 हजार 600 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो रहा है।
राज्य में वर्तमान में 18 रैक कोयले की प्रतिदिन आ रही है, जिसमें करीब 72 से 74 हजार टन कोयला आ रहा है, लेकिन इस समय कोयले का स्टॉक मैंटेन रखने और आगामी मानसून के सीजन को देखते हुए कोयले का उपयोग कम किया जा रहा है, यही कारण है कि बिजली का उत्पादन प्रभावित हो रहा है।