नाबालिग के साथ सामुहिक बलात्कार एंव हत्या के जघन्य प्रकरण में दो अभियुक्तो को पोक्सो कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

बून्दी । जिले के बसोली थाना क्षेत्र के घने जंगल में 23 दिसम्बर 2021 नाबालिग बालिका के साथ सामुहिक बलात्कार के बाद निर्मम हत्या (Brutal murder after gang rape with minor girl) के आरोप मे गिरफ्तार दो मुल्जिमो (Two accused arrested on charges) छोटूलाल भील उम्र 62 साल व सुल्तान भील उम्र 27 साल निवासी काला कुंआ को बून्दी के पोस्को कोर्ट नं. 2 के न्यायाधीश बालकृष्ण मिश्र (Bundi's POSCO Court No. Judge Balkrishna Mishra of 2) ने मात्र 11 कार्य दिवस में ही दोनों अभियुक्तगणों को मृत्युदण्ड एवं एक लाख बीस हजार रूपये के अर्थदंड की सजा दी है। इस प्रकरण मे 17 साल के नाबालिग मुल्जिम का मामला जेजे कोर्ट मे अलग से चल रहा है।
बून्दी जिले के बसोली थानान्तर्गत कालाकुंवा गांव के पास जंगल मे बकरिया चराने गई 15 साल की मासूम से 23 दिसम्बर 2021 को सुल्तान भील, छोटूलाल भील और 17 साल के नाबालिग ने दुष्कर्म कर हत्या कर दी थी। बच्ची को दांतो से काटा, नाखूनो से नोचा और घसीटा गया। जिसके बाद पत्थर मारे गये और चुन्नी से गला घोटकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद भी लाश के साथ दुष्कर्म किया गया। घटना के समय जान बचाने के लिये बच्ची मुंहबोले नाना के पास दौड़कर गई तो उसने भी दुष्कर्म किया और हत्या करने मे साथ दिया। बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक जय यादव ने दिसम्बर की सर्द रात मे सर्च ऑपरेशन चलाया और 10 थानाधिकारियो व 200 जवानो की पुलिस टीम ने डॉग स्कॉड शाहिन के साथ मात्र 12 घंटे मे दरिंदो को दबोच लिया।
दरिदो की गिरफ्तारी के बाद तीनों अपराधियों ने अपना जुर्म स्वीकार किया। बून्दी पुलिस ने जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिये प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम में चयनित कर वृत्ताधिकारी वृत बून्दी हेमन्त कुमार को नियुक्त किया गया। अनुसंधान में लगी पुलिस टीम द्वारा एवं स्वयं पुलिस अधीक्षक द्वारा कडी से कडी जोडते हुऐ साक्ष्यो को एकत्रित किया व अपराधियों को न्यायालय के समक्ष उनके अंजाम तक पहुंचाने के लिए 3 कार्य दिवस में न्यायालय पोक्सो नम्बर 2 बून्दी में चालान प्रस्तुत कर किया। महानिरीक्षक कोटा रेन्ज कोटा रविदत गोड़ से निवेदन किया जाकर केस की सफलता सुनिश्चित करने के लिए विशेष लोक अभियोजक की नियुक्ति हेतु पत्र लिखा गया जिस पर अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (अपराध) एवं महानिदेशक पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुऐ गृह राज्य मंत्री की अनुंशसा प्राप्त कर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिस पर सरकार ने संवेदन शीलता दिखाते हुए एक लम्बी चोडी प्रक्रिया को मात्र 24 घण्टे में पूरी कर प्रकरण में पोक्सो कोर्ट बून्दी क्रम स. 2 में राज्य सरकार की ओर से प्रभावी पैरवी करने के लिए महावीर सिंह किशनावत एडवोकेट राजस्थान हाईकोर्ट को स्पेशल पीपी नियुक्त किया गया।
स्पेशल पीपी ने कोर्ट मे मे यह रखी दलील
स्पेशल पीपी ने कोर्ट मे कहा कि जब हम लोग बीमार होने पर डाक्टर के पास ईलाज के लिए जाते है व जब डाक्टर बोलता है की आपके ईलाज के लिए इन्जेकशन (सुई) लगाई जायेगी तो अपने को इन्जेकशन का भय कितना सताता है जबकि हमे (मरीज) को मालुम रहता है कि इन्जेकशन (सुई) लगने पर बिमारी से राहत मिलेगी, जब पीडिता के साथ जीवित अवस्था मे तीनो अभियुक्तगणो ने बारी बारी से रेप किया, शरीर पर दांतो नाखुनो से 19 चोटे कारित की नाबालिग मृतका निवस्त्र जंगल मे मदद के लिऐ दोडती रही व तीनो अभियुक्तगणो ने निवस्त्र भागती हुई बालिका को पकड कर बारी बारी से रेप किया रेप करने के बाद हत्या कारित की ऐसा अपराध जघन्य अपराध की श्रेणी मे आता है व ऐसे अपराधीयो के लिऐ मृत्यु दण्ड की मांग की गई। तीनो मुल्जिमानो ने पीडिता मृतका के साथ हत्या से पुर्व व हत्या के बाद भी मृतका की डेड बॉडी से रेप किया जो कि रेर टू रेर (दुर्लभतम से दुर्लभतम) की श्रेणी मे आता है ।
पूर्व मे भी जिले मे दी जा चुकी है फांसी का सजा
इससे पूर्व दबलाना थानान्तर्गत सियाणा गांव मे 1988 मे अपने परिवार के चार सदस्यो की हत्या के आरोपी भेरासिंह को 1996 मे मृत्युदंड (फांसी) की सजा से दण्डित किया गया था।
कोर्ट ने आरोपियो को इन धाराओ मे माना दोषी
दोनो आरोपियो छोटूलाल और सुल्तान को कोर्ट ने आईपीसी की धारा 376 डी विकल्प मे 5(जी)/16 पोक्सो, धारा 376 ई विकल्प मे 5(जे)(6)/6 पोक्सो, धारा 376 (2) (एन) विकल्प मे 5 (एल)/16 पोक्सो, धारा 376 डी विकल्प मे धारा 5 (जी)/16 पोक्सो, धारा 302, धारा 120 बी, और धारा 201 मे दोषी माना। ये सभी धाराएं सामूहिक दूष्कर्म हत्या और सबूत नष्ठ करने से जुडी है।
जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने कहा कि 23 दिसम्बर 2021 को नाबालिग दुष्कर्म व हत्या के मामले मे दो आरोपियो को आज माननीय न्यायालय ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है। इस केस मे सरकार ने विशेष वकील की नियुक्ति की थी। प्रकरण को केस ऑफिसर स्कीम मे लेकर तीन कार्यदिवस मे पुलिस ने चालान पेश किया था। यह प्रदेश मे पॉक्सो एक्ट का पहला मामला है जिसमे दो दोषियो को एक साथ फंासी की सजा सुनाई गई है। महिला व बच्चो के अपराधो के किसी दोषी को बख्शा नही जायेगा।