Jaipur. राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) में अब कुछ महीनो का ही समय बचा है। ऐसे में वहां सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस (Congress) ने सत्ता विरोधी लहर से निपटने के लिए बाकायदा रणनीति बनाई है। इसमें सरकार और अपने विधायकों के खिलाफ नाराजगी को दूर करने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत जहां एक तरफ सरकार लोगों तक पहुंचकर उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेगी तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ऐसे विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने की योजना बना रही है, जिनके खिलाफ जनता में नाराजगी है।
कांग्रेस (Congress) के एक अहम रणनीतिकार का कहना था कि पार्टी जल्द ही एक सर्वे कराने जा रही हैं, जिसके आधार पर टिकटों का फैसला किया जाएगा। पार्टी लगभग 70 फीसदी के आसपास अपने विधायकों और मंत्रियों के टिकट काटने की योजना बना रही है। इस बारे में उक्त रणनीतिकार का कहना था कि जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) ऐसा कर सकती है तो हम क्यों नहीं। अगर पार्टी को बनाए रखना है तो कड़े फैसले लेने होंगे।
बता दे कि पार्टी ऐसे कई मंत्रियों-विधायकों के टिकट काटने की सोच रही है। जो अपने इलाके में नहीं जाते या काम नहीं कर रहे हैं। शुरुआती सर्वे से फीडबैक मिला है कि जमीन पर सरकार के खिलाफ नाराजगी नहीं है, बल्कि जनता विधायकों से नाराज है। हालांकि जिन विधायकों-मंत्रियों में सुधार की गुंजाइश है, उनसे कहा गया है कि वह अपने-अपने इलाके में जाकर लोागों की नाराजगी दूर करें। साथ ही पार्टी वहां ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ कार्यक्रम के द्वारा लोगों का फीडबैक भी ले रही है।
गौरतलब है कि सरकार की ओर से सूबे के सभी सातों मंडलों में सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) का कार्यक्रम रखा गया है। जिसमें सीएम गहलोत (CM Gehlot) फिडबैक ले रहे हैं कि सरकार की किस योजना का कितना काम बाकी है, कहां योजना पर तेजी से अमल करने की जरूरत है। किस मुद्दे पर नाराजगी है। जबकि वही कांग्रेस (Congress) ने कोटा सिस्टम को खत्म कर ‘एक परिवार, एक टिकट’ की रणनीति पर आगे बढ़ने की योजना बनाई है।