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राजस्थान कांग्रेस अब हारे हुए प्रत्याशियों से करेगी वन टू वन संवाद, गिले-शिक़वे दूर करने की क़वायद

Rajasthan Congress will now have one to one dialogue with the defeated candidates, an exercise to remove complaints

जयपुर। प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार के कामकाज और सरकार कैसे रिपीट हो इसे लेकर हाल ही में कांग्रेस विधायकों से 3 दिन चले वन टू वन संवाद के बाद अब हारे हुए प्रत्याशियों से भी वन टू वन फीडबैक (One to one feedback from the defeated candidates) लिया जाएगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे नेताओं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे नेताओं से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा वन टू वन संवाद करेंगे।

संवाद के दौरान जहां सरकार के कामकाज की जमीनी हकीकत का फीडबैक लिया जाएगा तो वहीं प्रदेश की जनता का कांग्रेस सरकार को लेकर क्या मूड है इसका भी फीडबैक लिया जाएगा। हालांकि अभी तक हारे हुए प्रत्याशियों के साथ वन टू वन संवाद की तारीख तय नहीं हो पाई है, लेकिन माना जा रहा है कि इस सप्ताह में कभी भी वन टू वन फीडबैक के लिए विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों को बुलाया जा सकता है। इनके सुझाव लिए जा सकते है। इसकी तैयारियां प्रदेश कांग्रेस में चल रही है।

सूत्रों की माने तो फीडबैक के दौरान विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों की नाराजगी भी प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने जाहिर हो सकती है।

दरअसल, इसके पीछे वजह यह है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों ने कई बार सत्ता और संगठन में अपनी उपेक्षा के आरोप लगाए थे, साथ ही विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों ने कई बार सार्वजनिक तौर पर निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों को सत्ता-संगठन में ज्यादा तवज्जो दिए जाने को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

हारे हुए प्रत्याशियों ने साफ कहा था कि सत्ता और संगठन में हमसे ज्यादा पूछ निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की हो रही है, इससे कार्यकर्ताओं मैं भी रोष है। निकाय और पंचायत चुनाव में भी निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों की राय से ही टिकट तय हुए थे और कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ताओं को दूर रखा गया था।

वहीं विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नेताओं से वन टू वन फीडबैक के पीछे एक वजह नेताओं की नाराजगी दूर करना भी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से उनकी शिकायतें और गिले-शिकवे सुनने के साथ ही उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में एक्टिव मोड पर रहने के निर्देश भी दिए जाएंगे।

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