जयपुर। राजस्थान कांग्रेस में चल रही सियासी खिंचतान और आरोप-प्रत्यारोप का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस विधायक अपनी ही अशोक गहलोत सरकार को चौतरफा घेर रहे हैं। इस बीच चौकाने वाले बयान जारी कर चर्चा में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ट नेता पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा का एक ओर बड़ा बयान (Another big statement of Peepalda MLA Ramnarayan Meena) सामने आया है।
मंगलवार को कोटा के पीपल्दा से कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने भी मीडिया के सामने सरकार के मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए। रामनारायण मीणा ने कहा कि मंत्री चोटी से लेकर पैर के अंगूठे तक भ्रष्टाचार में रंगे (Ramnarayan Meena said that the minister is involved in corruption from head to toe) हुए हैं। सीएम की क्या मजबूरी या कमजोरी है कि इन्हें नहीं हटा पा रहे हैं।
रामनारायण मीणा ने कहा कि पद का दुरुपयोग करने वाले मंत्री बीजेपी वालों का साथ दे रहे हैं। ऐसे लोगों के मजबूत होने से हम कमजोर हो गए हैं। बाकी कांग्रेस मजबूत है। मतदाता कांग्रेस को चाहता है, अगर कमजोरी दूर कर दी तो कांग्रेस सत्ता में आ सकती है। हालांकि, उन्होंने साफ कहा कि परिवार में बैठते हैं तो सब तरीके की बातें होती हैं, लेकिन आज फीडबैक में खुलकर बोलने का समय नहीं था।
राजधानी जयपुर में प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय के वॉर रूम में चल रहे विधायकों के वन टू वन संवाद कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक अपनी बात सत्ता और संगठन के साथ आलाकमान के प्रतिनिधि के तौर पर आए प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने रख रहे हैं। मंगलवार को उदयपुर, कोटा और भरतपुर संभाग के विधायकों से फीडबैक लिया गया। फीडबैक के बाद पीपल्दा विधायक ने अपनी पीड़ा मीडिया के सामने बयान कर दी।
रामनारायण मीणा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को अब मजबूत कदम उठाने पड़ेंगे, क्योंकि भाजपा कोई कमी नहीं छोड़ती है। हमें यह दोस्ती खत्म करनी पड़ेगी। मीणा ने कहा कि जिस व्यक्ति ने बिना नोटिस के राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी, उन लोगों को माला पहनाने का सिस्टम गलत है। उससे हम जनता की नजरों में कमजोर हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस कोटा संभाग में कमजोर इसलिए है, क्योंकि ओम-शांति का गठजोड़ है। कांग्रेस में तो कुछ जातियां ऐसी हावी हैं, जिनके जो भी सदस्य जीतते हैं वो पूरे के पूरे मंत्री हैं, जबकि सदस्य उनके गिनती के हैं। सीधे तौर पर रामनारायण मीणा ने जैन समाज के विधायकों की संख्या और उनके मंत्री बनने का मामला भी उठा दिया।