अजमेर। हरिद्वार के दवा कारोबारी से रिश्वत मांगने के मामले में राजस्थान के अजमेर से पकड़ी गईं एसओजी की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल को एसीबी ने गिरफ्तार (ACB arrested SOG’s Additional SP Divya Mittal) कर अजमेर एसीबी स्पेशल कोर्ट से तीन दिन की रिमांड (Three days remand from Ajmer ACB Special Court) भी ले ली है। अब दिव्या से पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार दिव्या मित्तल को एसीबी उदयपुर भी ले जा सकती है, ताकि उनकी निशानदेही पर कुछ और जरूरी दस्तावेजों की बरामदगी की जा सके। एसीबी को आरोपी अधिकारी के मोबाइल फोन की तलाश है। पूछताछ के बाद 20 जनवरी को दिव्या मित्तल को फिर से एसीबी मामलों की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।
एसीबी के एएसपी बजरंग सिंह शेखावत ने गिरफ्तार दिव्या मित्तल को मंगलवार शाम अजमेर एसीबी कोर्ट में जज के सामने पेश किया। जज संदीप शर्मा से एसीबी ने दिव्या का चार दिन का रिमांड मांगा। दिव्या के वकीलों ने इसका पुरजोर विरोध किया। साथ ही कहा कि दिव्या को फंसाया जा रहा है। उनसे किसी तरह के लेनदेन के सबूत नहीं मिले हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने तीन दिन का रिमांड दे दिया। आदेश मिलने के बाद एसीबी अफसर तुरंत दिव्या मित्तल को जयपुर ले आए। जहां रिमांड पर पूछताछ का दौर जारी है।
सूत्र बताते हैं कि एसीबी को एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल के उदयपुर में चिकलवास स्थित रिसोर्ट फार्म में टॉर्चर रूम, पीटने वाले पट्टे और शराब की बोतलें भी मिली हैं। जानकारी में आया है कि इस फार्म पर आरोपियों से पैरलल इन्वेस्टीगेशन की जाती थी। उन्हें डराया और धमकाया जाता था, जिसके बाद उनसे मोटी रकम ऐंठी जाती थी। चमड़े के बेल्ट पर सच बोल पट्टा और आन मिलो सजना जैसे वाक्य भी लिखे हुए मिले। जो डराने के लिए लगते हैं। फार्म हाउस में बड़ी संख्या में रूम भी बने हुए हैं। यहां से कुछ दस्तावेज भी एसीबी ने बरामद किए हैं।
उदयपुर के रिसोर्ट से एसीबी ने बड़ी संख्या में अवैध रूप से स्टोर की गईं शराब की बोतलें भी बरामद हुई हैं। इस मामले में पुलिस के सहयोग से अलग से आबकारी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया है। जानकारी के मुताबिक 27 बीयर की बोतलें और 42 अंग्रेजी शराब की बोतलें बरामद की गईं हैं। आबकारी विभाग से बार लाइसेंस लिए बिना इस तरह से शराब की स्टोरेज अवैध पाई गई है। जानकारी में आया है कि रिसोर्ट में ठहरने वाले लोगों और टूरिस्ट्स के साथ ही रिसोर्ट संचालक अपने लिए इसका इस्तेमाल करते थे।
एसीबी को आरोपी अधिकारी के मोबाइल फोन की तलाश है। साथ ही नशीली दवा के कारोबार मामले में पूर्व में गिरफ्तार किए गए और छोड़े गए अलग-अलग आरोपियों की फाइलों के संबंध में भी पूछताछ करनी है। बर्खास्त कांस्टेबल सुमित को भी पकड़कर दोनों का क्रॉस इंट्रोगेशन कराना है। इस दौरान शिकायतकर्ता से भी एसीबी आमना-सामना करवा सकती है।