जोधपुर। राजस्थान के जोधपुर में पाकिस्तान से आए विस्थापित हिंदुओं के 70 घरों को तोड़ दिया (70 houses of displaced Hindus from Pakistan demolished in Jodhpur) गया। सोमवार को जेडीए दस्ते ने इन्हें अतिक्रमण बता करीब 200 निर्माणों को बुलडोजर-जेसीबी से तोड़कर ढहा दिया (200 constructions were demolished by breaking with bulldozer-JCB)। जिसके विरोध में लोगों ने पथराव किया। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें तितर-बितर कर कब्जा हटा दिया।
पाकिस्तान से विस्थापित होकर उम्मीदों के साथ भारत आए और जोधपुर में बसे हिंदुओं के घरों को सोमवार को जोधपुर विकास प्राधिकरण के पीले पंजों ने ढहा दिया (Yellow paws of Jodhpur Development Authority demolished)। राजीव गांधी नगर सेक्टर-सी चौखा गांव इलाके का यह मामला है। जहां 400 बीघा जमीन पर अवैध अतिक्रमण बताते हुए 70 मकान समेत 200 अवैध निर्माण ध्वस्त कर दिये। इस दौरान जेसीबी पर बस्ती के लोगों ने पथराव कर दिया। घटना में जेसीबी के शीशे टूट गए और जेसीबी ड्राइवर का सिर फट गया। सोमवार को जोधपुर शहर के पास चौखा गांव में जेडीए की जमीन पर अतिक्रमण बताते हुए प्राधिकरण टीम ने निर्माणों को ध्वस्त कर दिया।
पाकिस्तान से आए पाक विस्थापितों द्वारा सरकारी जमीन पर मकान बनाकर रहने के मामले में जेडीए ने पहले इन्हें नोटिस थमाया। फिर इसके बाद उनके आशियानों को ध्वस्त कर दिया। जेडीए अधिकारी अतिक्रमण को हटाने के लिए अतिक्रमण निरोधक दस्ते के साथ पहुंचे थे। इस दोरान पुलिस जाब्ता भी तैनात किया गया था।
चौखा इलाके में सरकारी जमीन पर पैसा लेकर कब्जा दिलाने के मामले का भी खुलासा हुआ है।
पाक विस्थापितों का कहना है कि उन्होंने पैसा देकर यहां जमीन खरीदी थी। उसके बाद उन्होंने यहां निर्माण कराया। लेकिन जेडीए का कहना है कि यह पाक विस्थापित अतिक्रमण करके यहां रह रहे थे। पूरा मामला जांच का विषय है। लेकिन फिलहाल यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर गूंज जयपुर तक जा पहुंची है। अतिक्रमण हटाने के दौरान झड़प भी हुई। जहां कई लोग चोटिल भी हुए।
चौकी क्षेत्र से सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के मामले को लेकर सरकार ने जोधपुर जिला कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर से भी इस मामले में पूरी जानकारी ली है। फिलहाल पूरे मामले को लेकर सरकार भी फूंक-फूंक पर कदम रख रही है, क्योंकि मामला पाक विस्थापितों से जुड़ा हुआ है।
इन पाक विस्थापित अधिकांश लोगों के पास भारत में रहने के लिए लॉन्ग टर्म वीजा है। लेकिन अब तक बहुत से परिवारों को भारत की नागरिकता भी नहीं मिली है। अपने आशियाने टूटते देखकर कई महिलाएं गश खाकर गिर गईं, तो कई रोती-बिलखती भी दिखाई दीं।
पीड़ितों ने दर्द बयां करते हुए कहा कि पाकिस्तान में हम बर्बाद थे, यहां पर भी हम बर्बाद हैं। पाक विस्थापितों का यह भी कहना था कि यह जमीन हमने खरीदी है। इसके लिए दलालों के जरिए 70 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक प्लॉटों की कीमत चुकाई है।
जेडीए आयुक्त नवनीत कुमार ने बताया कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से पहले हमने नोटिस भी दिया था। नोटिस का जवाब नहीं आने के बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर रखा था। नवनीत कुमार ने बताया कि अतिक्रमियो का कहना था कि उन्होंने यह जमीन खरीदी है। लेकिन उनके पास कोई पट्टा या दस्तावेज नहीं थे। जेडीए ने उनसे कहा है कि जिससे जमीन खरीदी है उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। जेडीए भी इसमें सहयोग करेगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल, इस मामले में जल्द ही एफआईआर करवाई जाएगी।