जयपुर। राजस्थान में सचिन पायलट का अल्टीमेटम कांग्रेस ने दरकिनार कर दिया (Sachin Pilot’s ultimatum ignored by Congress) है। पायलट ने जो मांगें उठाई थी, उन मांगों के चलते कांग्रेस आलाकमान नाराज है। यहीं वजह है कि अल्टीमेटम के बावजूद पायलट को कांग्रेस आलाकमान ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया है और न ही समझाइश का प्रयास किया है।
बता दें सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को अपनी मांगे मानने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था जिसके 7 दिन बचे है। लेकिन सीएम गहलोत ने पायलट की मांगों के संबंध में किसी भी तरह की प्रतिक्रिया नहीं है। वहीं कांग्रेस पार्टी भी सचिन पायलट से दूरी बनाए हुए है। पायलट ने आरपीएससी का पुनर्गठन, पेपर लीक पीड़ितों को मुआवजा और वसुंधरा सरकार के कार्यकाल के घोटालों की जांच की मांग की थी। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन करने की धमकी दी है। कांग्रेस आलाकमान मांगों को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार ऐसा लग रहा है कि जैसे कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट के आंदोलन, अल्टीमेटम और विरोध को दरकिनार कर दिया है।
दिल्ली में 24 को खड़गे ने गहलोत-रंधावा को बुलाया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर दिल्ली में 24 मई को बैठक करेंगे। सीएम अशोक गहलोत और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा को बुलाया गया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में इसी सप्ताह 24, 25 या 26 मई को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चुनावी राज्यों के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक करेंगे। बैठक में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ ही राजस्थान भी शामिल होगा। हालांकि अभी तारीख तय नहीं हुई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और सह प्रभारी शामिल होंगे। इस बैठक में चुनाव को देखते हुए संगठन कैसे मजबूत किया जाए और चुनावी रणनीति क्या हो, इसे लेकर चर्चा होगी। जब कांग्रेस आलाकमान और राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख नेता साथ बैठेंगे तो साफ है कि सचिन पायलट के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।
रंधावा के निशाने पर सचिन पायलट
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी इन दिनों राजस्थान के दौरे पर है। रंधावा ने जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सचिन पायलट ने कर्नाटक चुनाव से पहले जन संघर्ष यात्रा निकालकर ठीक नहीं किया। मैसेज गलत किया। रंधावा ने कहा कि पायलट को गंजेंद्र सिंह शेखावत के संजीवनी घोटाले की जांच की मांग भी उठानी चाहिए थी। रंधावा ने इशारों में सचिन पायलट को नसीहत दी है। हालांकि, रंधावा का कहना है कि कांग्रेस किसी को निकालती नहीं है। जो कांग्रेस छोड़कर गए है। उनका हश्र सभी के सामने है। सीधे तौर पर रंधावा सचिन पायलट को यह सीख भी देते नजर आ रहे हैं कि अगर उन्होंने पार्टी छोड़ी तो उन्हें जितना कुछ कांग्रेस में मिला है, उतना कहीं नहीं मिलेगा।