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सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, OPS पर फैसला वापस लेगी राजस्थान सरकार

Good news for government employees, Rajasthan government will withdraw the decision on OPS

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Govt.) प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को बड़ा मुद्दा बनाने में जुटी है। यह मुद्दा ना सिर्फ राजस्थान बल्कि दूसरे चुनावी राज्यों में भी विधानसभा चुनाव से पहले अहम हो गया है। सबसे पहले राजस्थान ने ही अप्रैल 2022 में ओपीएस को बहाल किया था। राजस्थान के बाद दूसरे कांग्रेस शासित राज्यों ने भी इसे अपनाया तो भाजपा शासित राज्य भी इसकी संभावनाओं को टटोल रहे हैं।

कई राज्यों में कर्मचारी संगठनों ने सरकारों पर दबाव बढ़ा दिया है। एनपीएस (NPS) पर फिर से विचार करने से इनकार कर चुकी केंद्र सरकार ने राजनीतिक मजबूरियों की वजह से ही इसकी समीक्षा के लिए एक समिति बनाई है जो नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) को कर्मचारियों के अनुकूल बनाने पर विचार करेगा।

एनपीएस के तहत कर्मचारी वेतन और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी अंशदान देते हैं और इतना ही राज्य सरकार भी जमा कराती है। एक अधिकारी ने बताया कि राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के 5,24,72 OPS अकाउंट हैं। अभी तक सरकार ने 14,171 करोड़ रुपए अंशदान के रूप में जमा कराए हैं, जबकि कर्मचारियों ने 14,167 करोड़ रुपए दिए। बाजार दर पर ब्याज जोड़ लिया जाए तो रकम 40,157 करोड़ रुपए होगी।

राजस्थान में OPS लागू करने के बाद राज्य सरकार ने 19 मई 2022 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था कि कर्मचारियों को एनपीएस (NPS) में किए गए अंशदान को ब्याज समेत राज्य सरकार को लौटाना होगा। सरकार ने उसकी ओर से और कर्मचारियों की ओर से दिए गए अंशदान को लेकर जनरल रेवेन्यू हेड के तहत जमा कराने को कहा था।

हालांकि, राज्य सरकार अब इस नोटिफिकेशन को बदलने की तैयारी में है ताकि केंद्र सरकार की ओर से संभावित आपत्ति की गुंजाइश ना रहे। इस बात की संभावना है कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के अंशदान को लेने पर आपत्ति लगा सकती है। वित्त विभाग के एक अधिकारी ने कहा, चूंकि पैसा तकनीकी तौर पर कर्मचारियों का है, इसलिए राज्य सरकार इसे अपने राजस्व के तहत नहीं दिखा सकती।

अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार अब पेंशन फंड रेग्युलेट्री एंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी से संपर्क (Contact Pension Fund Regulatory and Development Authority) करके एनपीएस में दिए 14000 करोड़ का अपना अंशदान मांगेगी। सरकार कर्मचारियों की ओर से एनपीएस में दिए गए अंशदान को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) में जमा कराएगी, जिन्हें 2021 में खोला गया था।

1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त 5.24 लाख सरकारी कर्मचारियों में से 3554 अप्रैल 2022 में रिटायर हो चुके हैं। लेकिन उन्हें अभी पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है, क्योंकि केंद्र सरकार ने फंड रिलीज नहीं किया है। सवाल यह भी है कि राज्य को केंद्र से एनपीएस फंड कैसे मिलेगा। केंद्र ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड में जमा एनपीएस फंड राज्यों को वापस नहीं मिलेंगे।

नई पेंशन योजना कर्मचारी संघ राजस्थान के राज्य समन्वयक विनोद कुमार ने कहा कि राज्य को केंद्र से धन वापस लेने का अधिकार है। उन्होंने कहा, पेंशन राज्य का विषय है और केंद्र को उन राज्यों को धन जारी करने की अनुमति देनी चाहिए जिन्होंने ओपीएस को बहाल किया है।

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