New Delhi– कानूनी पेचों में बहुत बार आम आदमी का पैसा फंस जाता है, लेकिन इस बार तो भगवान (God) का पैसे से जुड़ा काम भी अटक गया है। गौरतलब है कि वेंकटेश्वर स्वामी (Venkateswara Swamy) के भक्तों द्वारा चढ़ाया गया पैसा कायदे-कानून की भेंट चढ़कर अधर में अटक गया (The money offered got stuck in limbo due to law and order) है। यह पैसा बैंक में जमा नहीं हो पा रहा है। साथ ही रकम भी कोई छोटी-मोटी नहीं है, बल्कि पूरे 26.86 करोड़ रुपये है।
दरअसल, यह पैसा विदेशी मुद्रा के रूप में मंदिर की हुंडियों में भक्तों द्वारा चढ़ाया था। लेकिन मंदिर का प्रबंधन करने वाले ट्रस्ट तिरुमला तिरुपति देवस्थानम का फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन 3 साल से सस्पेंड (Registration of Trust Tirumala Tirupati Devasthanam suspended for 3 years under Foreign Contribution Regulation Act) है। इस वजह से चढ़ावे में आई विदेशी मुद्रा को ट्रस्ट बैंक में जमा नहीं करवा पा रही है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रस्ट ने इस बारे में सरकार से मदद मांगी है, लेकिन मामला बिल्कुल उलटा पड़ गया। सरकार ने सहायता तो नहीं दी, साथ ही पेनल्टी भरने का नोटिस थमा दिया। जानकारी के अनुसार ट्रस्ट मंदिर में चढ़ावे के रूप में आया पैसा भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में जमा करता है। लेकिन, एसबीआई ने ट्रस्ट का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन सस्पेंड होने के चलते विदेशी मुद्रा को जमा करने से मना कर दिया है।
इन मुद्राओ में आया चढ़ावा
ट्रस्ट ने हाल ही में गृह मंत्रालय को चढ़ावे में आई विदेशी मुद्रा की पूरी डिटेल भेजी थी। जिसके अनुसार ट्रस्ट के पास अमेरिकी डॉलर के रूप में 11.50 करोड़ रुपये, मलेशियाई रिंगिट के रूप में 5.93 करोड़ रुपये और सिंगापुर डॉलर के रूप में 4.06 करोड़ रुपये जमा हैं। इसके अतिरिक्त दिरहम, पौंड, यूरो, ऑस्ट्रेलियन डॉलर और कनाडाई डॉलर भी भक्तों ने हुंडियों में अर्पित किए।
टेक्निकल गड़बड़ी के कारण ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन संस्पेंड (Trust registration suspended) किया गया है। पांच मार्च को गृह मंत्रालय के एफसीआरए डिवीजन ने टीटीडी को पत्र लिखकर बताया था कि उसका सालाना रिटर्न गलत फार्मेट में है। इस गलती पर ट्रस्ट पर 3.19 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई है। इससे पहले 2019 में एफसीआर रजिस्ट्रेशन को रिन्यू नहीं कराने पर ट्रस्ट पर 1.14 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई। हालांकि ट्रस्ट ने इसे चुका दिया था।
एफसीआरए एक्ट में 2020 में किए गए संशोधन के अनुसार किसी भी एनजीओ को एसबीआई में अकाउंट (Account in SBI) खोलना होता है। एसबीआई चढ़ावे में आए विदेशी पैसे को जमा करने के लिए तैयार नहीं है, क्योंकि चढ़ावा देने वालों की पहचान पता नही चल पाई है। वहीं, ट्रस्ट इस मसले के समाधान के लिए सरकार का दरवाजा भी खटखटा चुकी है। ट्रस्ट ने पिछले साल सरकार को भेजे नोट्स में कहा था कि कि आंध्र प्रदेश के नियमों और एफसीआरए के रूल्स में अंतर है। टीटीडी ने बताया कि महामारी के कारण उसे अकाउंट्स फाइल करने में देर हुई। एफसीआरए एक्ट में अज्ञात व्यक्ति से हुंडी में मिली राशि के बारे में प्रोसेस का जिक्र नहीं है। ट्रस्ट का कहना है कि सरकार के कहने पर उसने रिवाइज्ड स्टेटमेंट्स जमा कराया। लेकिन इसको गलत बताते हुए ट्रस्ट पर 3.19 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगा दी।