जयपुर। राजस्थान में विधानसभा चुनाव के करीब आते ही प्रदेश कांग्रेस में एका बनाने की कोशिशें तेज हो गई हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पुर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह (Reconciliation between Chief Minister Ashok Gehlot and former Deputy Chief Minister Sachin Pilot) कराने की जिम्मेदारी पहले वरिष्ठ नेताओं को दी गई थी, लेकिन बात न बनने पर अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress National President Mallikarjun Kharge) खुद इसके लिए जुट गए हैं। 26 मई को खड़गे राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर दोनों गुटों के बीच मचे राजनीतिक बवाल को शांत करने के लिए दोनो नेताओं को नज़दीक लाने का प्रयास कर रहे है।
राजस्थान कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शुरू हुए विवाद ने इतना विकराल रूप धारण कर लिया कि अब कांग्रेस आलाकमान को भी चिंता सताने लगी है। प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी की राजस्थान इकाई में अंतर्कलह को शांत (Calm the infighting in Rajasthan unit) करना पार्टी के लिए पहली प्राथमिकता बन गई है।
सचिन पायलट भ्रष्टाचार के नाम पर लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने अजमेर से जयपुर तक जनसंघर्ष यात्रा निकालकर कांग्रेस अलाकमान और गहलोत को स्पष्ट संकेत भी दे दिया। इसे पायलट के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा गया, पायलट के तेवर से पार्टी भी हरकत में आ गई।
सचिन पायलट ने आखिरकार कांग्रेस पार्टी को अल्टीमेटम भी दे दिया है। इस बीच, कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की। ऐसे में पार्टी का पूरा फोकस अब राजस्थान पर है, जहां पार्टी में दो फाड़ है। बता दें कि राजस्थान के साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
हालात को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की 26 मई 2023 को बैठक बुलाई है। इसमें प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी शामिल होने के लिए बुलाया गया है। बताया यह भी जा रहा है कि इस बैठक में सचिन पायलट को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
इस बीच, सचिन पायलट को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सुर भी कुछ बदले-बदले से नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन दोनों के बीच की दूरियां मीडिया की देन है। 26 मई को दिल्ली में होने वाली बैठक पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि दिल्ली में बैठक है। राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में अनुशासन चलता है और हमारी पार्टी अनुशासन की पार्टी है, राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कहेंगे वही सब मानेंगे।
सचिन पायलट के अल्टीमेटम पर सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो चुनाव जीतेंगे। बाकी बातें सब मीडिया की देन हैं, मीडिया दूरी बना रही है। गहलोत ने कर्नाटक चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारे पास तो चंदा आता नहीं है, चंदे पर रोक लगा रखी है और कोई चंदा देदे तो उसके खिलाफ ईडी-सीबीआई लगा दी जाती है।