Every sixth person is a victim of infertility – दुनिया भर में निःसंतान दंपतियों (childless couples) की संख्या मे लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक चौंका देने वाली रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार दुनिया भर हर छठा वयस्क बांझपन की समस्या से पीड़ित है। बीते एक दशक में ऐसी पहली रिपोर्ट जारी करने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि इतना बड़ा आंकड़ा बताता है कि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट (fertility treatment) की आवश्यक्ता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की ओर से कई बार कहा जाता रहा है कि मोटापे की समस्या और अधिक उम्र में विवाह के चलते भी ऐसी समस्याएं पैदा हो रही हैं।
इस समस्या को लेकर यदि क्षेत्रवार बात करें तो पूर्व भूमध्यसागर के देशों में यह समस्या सबसे कम यानी 10.7 फीसदी है। बताते दे कि इस इलाके में मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के देश आते हैं। इसका अर्थ है कि इस क्षेत्र में 10 में से 1 ही महिला या पुरुष बांझपन (infertility) की समस्या के शिकार हैं। बताते दे कि 12 महीने तक निरंतर बिना किसी प्रोटेक्शन के संभोग करने के बाद भी यदि कोई महिला प्रेगनेंट नहीं हो पाती है तो उसे बांझपन की समस्या माना जाता है। infertility की सबसे ज्यादा 23.2 फीसदी दर पश्चिमी प्रशांत महासागर क्षेत्र के देशों में है। इनमें चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आते हैं।
जबकि वहीं ब्रिटेन समेत यूरोपीय देशों में यह दर 16.5 फीसदी है यानी यहां हर छठा व्यक्ति इनफर्टिलिटी की समस्या का शिकार है। अमेरिका में यह आंकड़ा 20 फीसदी का है, जो काफी ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि वैश्विक औसत 17.5 फीसदी का ही है। भारत में भी यह आंकड़ा 20 फीसदी के करीब है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, झारखंड और जैसे राज्यों में इनफर्टिलिटी की समस्या अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अधिक दर्ज की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की स्टडी के मुताबिक 15 साल से 49 साल तक की महिलाओं की जन्मदर के आधार पर यह आंकड़ा निकाला जाता है।