बूंदी। बूंदी अडानी विल्मर (Adani Wilmar) फैक्ट्री में हुयी दुर्घटना में अपने दोनों पैर पूरी तरह गंवाकर मजबूरी में विकलांग बने श्रमिक को घटना के 18 वर्ष बाद भी न्याय नहीं मिला है। कभी दोनों पैरों पर चलने वाला श्रमिक बाबूलाल रेगर शुक्रवार को जब ट्राई साइकिल चलाते हुए जिला कलेक्ट्रेट पहुंचा तो उसकी आँखों में आंसू थे। बाबूलाल ने शुक्रवार दोपहर को एडीएम मुकेश चौधरी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगायी। इस दौरान राजस्थान बीज निगम के निदेशक चर्मेश शर्मा भी पीड़ित श्रमिक के साथ रहे।
मैं जन्मजात विकलांग नहीं
गुरुवार को कलक्ट्रेट में बाबूलाल रेगर ने भावुक होकर कहा कि मै कोई जन्मजात विकलांग नहीं हूँ। दुर्घटना से पहले फैक्ट्री वालों से भी कई बार कहा था की मशीनें सही से काम नहीं कर रही किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो जायेगी लेकिन किसी ने नहीं सुनी। जिससे अडानी विल्मर (Adani Wilmar) फैक्ट्री में काम करते हुये भरी जवानी में दोनों पैर पूरी तरह कट गये और जिंदगी अपने आप पर एक बोझ बन गयी। यह कहते हुये अडानी विल्मर फैक्ट्री के संचालकों की लापरवाही से अपने दोनों पैर गंवाने वाले श्रमिक बाबूलाल रेगर फिर भावुक हो गया।
न पेंशन दी और न ही बेटे को नौकरी दी
राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के नाम दिये ज्ञापन में बाबूलाल ने कहा कि अडानी विल्मर (Adani Wilmar) फैक्ट्री के संचालको ने दुर्घटना के बाद उसे आजीवन पेंशन और उसके पुत्र को स्थायी नौकरी देने का वादा कर अदालत में राजीनामा करवा लिया। कुछ समय तक बेटे को फैक्ट्री पर ठेके पर काम पर रखा और स्थायी नौकरी की बात की तो वहां से भी निकाल दिया। परिवार के भरण-पोषण के लिये कंपनी की ओर से आजीवन पेंशन देने का वादा किया था लेकिन 18 वर्ष के बाद भी आज तक पेंशन चालू नहीं की गयी है।
आत्महत्या का विचार आता हैं- बाबूलाल
श्रमिक बाबूलाल रेगर ने कहा कि वह 18 वर्ष से अडानी विल्मर (Adani Wilmar) फैक्ट्री के चक्कर लगा रहा है लेकिन अब तो उसे गेट पर भी अंदर नहीं घुसने देते हैं। इधर उसके परिवार की भूखे मरने की नौबत आ गयी है। उस समय तो कंपनी की ओर से बड़े-बड़े वादे किये गये थे, लेकिन अब कोई सुध लेने वाला नहीं है। श्रमिक ने दुखी होकर कहा कि मजबूरी में अब आत्महत्या करने का विचार आता हैं।
तत्काल पेंशन शुरू की जाये- चर्मेश शर्मा
राजस्थान बीज निगम के निदेशक चर्मेश शर्मा ने अडानी विल्मर (Adani Wilmar) कंपनी से तत्काल पीड़ित श्रमिक को 18 वर्ष की पेंशन देने की मांग की है। शर्मा ने कहा श्रमिक के दोनों पैर अडानी विल्मर फैक्ट्री में काम करते हुये 2004 में कट गये थे। अभी तक पेंशन शुरू नहीं करना और आश्रित को नौकरी नहीं देना अमानवीय है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।