जयपुर। कांग्रेस हाईकमान की चेतावनी के बावजूद वसुंधरा सरकार के समय हुए भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की मांग को लेकर अनशन करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का मामला (Case of former deputy CM Sachin Pilot who went on hunger strike) अब दिल्ली पहुंच गया है। पायलट मामले को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर आज एक अहम बैठक (An important meeting today at the residence of the party’s National President Mallikarjun Kharge) बुलाई है।
गुरूवार सुबह 11 बजे मल्लिकार्जुन खड़गे के घर प्रस्तावित बैठक में पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल भी शामिल होंगे। हालांकि बैठक के दौरान सचिन पायलट मामले को लेकर पार्टी हाईकमान का क्य़ा रुख रहेगा (What will be the stand of the party high command), इस पर सभी की नजर बनी हुई है। बैठक को लेकर जयपुर से दिल्ली तक भी चर्चाओं का दौर जारी है।
दरअसल, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा सचिन पायलट के अनशन को पार्टी विरोधी गतिविधि करार दे चुके है। लेकिन पार्टी हाईकमान सचिन पायलट मामले को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा हैं। पार्टी हाईकमान के सामने परेशानी यह है कि अगर सचिन पायलट के खिलाफ कोई एक्शन होता है तो फिर बीते साल 25 सितंबर को पार्टी की आधिकारिक विधायक दल की बैठक के समानांतर विधायक दल की बैठक बुलाने के आरोपी मंत्री महेश जोशी, शांति धारीवाल और आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ पर भी आलाकमान को सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी।
तीनों नेताओं पर अभी तक भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने को लेकर पहले ही शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में सचिन पायलट अनशन मामले में पार्टी हाईकमान कार्रवाई करें या नहीं, इसे लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इससे पहले बुधवार को पार्टी के प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा ने दिल्ली पहुंचकर सचिन पायलट मामले में अपनी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंपी थी। रिपोर्ट में किन बातों का उल्लेख किया गया है वो सामने नहीं आ पाया। वहीं दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे से मुलाकात के बाद प्रदेश प्रभारी सुखदेव सिंह रंधावा ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि राजस्थान को पंजाब नहीं बनने देंगे। प्रभारी रंधावा ने कहा कि कार्रवाई तो 25 सितंबर की घटना के बाद भी होनी चाहिए थी लेकिन नहीं हुई थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
वहीं, शहीद स्मारक पर 1 दिन का अनशन करने के बाद सचिन पायलट भी दिल्ली पहुंच गए थे। हालांकि पायलट बुधवार को दिल्ली में ही रहे, लेकिन कांग्रेस मुख्यालय से दूरी बनाकर रहे। बताया जा रहा है कि उनके किसी भी नेता से कोई मुलाकात नहीं हो पाई।
इधर बुधवार मुख्यमंत्री आवास पर हुई कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक के दौरान भी सचिन पायलट मामले को लेकर चर्चा हुई थी। सूत्रों की माने तो बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तमाम मंत्रियों को सचिन पायलट मामले में किसी प्रकार की बयानबाजी नहीं करने की नसीहत दी थी। मंत्रियों को साफ निर्देश दिए गए थे कि सार्वजनिक मंचों और मीडिया में किसी प्रकार की कोई बयान बाजी नहीं हो, पार्टी हाईकमान के भी यही निर्देश हैं।
गौरतलब है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर 11 अप्रेल को शहीद स्मारक अपने समर्थकों के साथ 1 दिन का अनशन किया था। हालांकि अनशन को पार्टी हाईकमान ने पार्टी विरोधी गतिविधि करार दिया था।