अजमेर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) अजमेर टीम की ओर से बुधवार दोपहर की गई ट्रेप कार्रवाई फेल (trap operation failed) हो गई। परिवादी ने रिश्वत राशि मांग करने वाले पट्टा विभाग के ड्राफ्टमैन के बजाए बाबू को दे दी (Gave it to Babu instead of the draftsman of lease department demanding bribe amount)। बाबू ने रिश्वत राशि एक प्राइवेट व्यक्ति तक पहुंचा दी। हालांकि एसीबी ने रिश्वत राशि लेने वाले वरिष्ठ लिपिक, कथित दलाल (प्राइवेट) ड्राफ्टमैन को हिरासत में ले लिया। एसीबी ने रिश्वत की राशि यूडीसी और प्राइवेट व्यक्ति को दिए जाने पर कार्रवाई को दूषित मानते हुए प्रकरण को अनुसंधान में रखा है।
डीआईजी (अजमेर एसीबी) समीर सिंह ने बताया कि परिवादी अजयसिंह रावत ने एसीबी को आवासीय पट्टे के लिए नगर निगम के पट्टा विभाग के ड्राफ्टमैन ऋषि माथुर (Rishi Mathur, draftsman of the lease department of the municipal corporation) के द्वारा 10 हजार रुपए की रिश्वत मांगने की शिकायत दी थी। परिवादी की शिकायत पर अजमेर एसीबी ने सत्यापन के बाद बुधवार दोपहर ट्रेप का जाल बिछाया। परिवादी अजय सिंह रिश्वत राशि लेकर गांधी भवन पहुंचा। उसने यहां गांधी भवन में यूडीसी अशोक भाटी को रिश्वत राशि दे दी। भाटी ने उक्त रकम गांधी भवन के बाहर दांत उखाड़ने वाले सुरेन्द्रसिंह सरदार को थमा दी।
परिवादी के इशारे पर एसीबी की टीम (ACB team) ने यूडीसी अशोक भाटी, प्राइवेट व्यक्ति सुरेन्द्र सिंह सरदार को हिरासत में ले लिया। सुरेन्द्र सिंह से रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली। इसके बाद ड्राफ्टमैन ऋषि माथुर को एसीबी ने घर से हिरासत में लिया। तीनों को एसीबी अजमेर चौकी में लाया गया। जहां देर शाम तक पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया।
एसीबी के उच्च अधिकारियों ने रिश्वत राशि मांगने वाले व्यक्ति से राशि बरामदगी नहीं होने, सत्यापन में यूडीसी की ओर से डिमांड नहीं व तीसरे व्यक्ति का जिक्र नहीं होने को दूषित कार्रवाई मना है। हालांकि एसीबी अब भी ड्राफ्टमैन ऋषि माथुर व यूडीसी अशोक भाटी के बीच की कड़ी व अन्य तीसरे व्यक्ति की लिप्तता की पड़ताल कर रही है। डीआईजी समीर सिंह ने बताया कि प्रकरण में जांच के बाद एसीबी निगम के ड्राफ्टमैन ऋषि माथुर के खिलाफ पद के दुरूपयोग का मुकदमा दर्ज करेगी। एसीबी के सत्यापन में माथुर की ओर से 10 हजार की डिमांड का सत्यापन है।
एसीबी ने ड्राफ्टमैन ऋषि माथुर को पकड़ने के लिए एसीबी ने बुधवार को दूसरी मर्तबा जाल बिछाया था। इससे पहले मंगलवार को भी एसीबी ने माथुर को रंगे हाथ दबोचने के लिए गांधी भवन पर ट्रेप की कार्रवाई का जाल बिछाया मगर ऋषि माथुर प्रशासन शहरों के संग कैम्प में ड्यूटी के कारण नहीं मिले। ऐसे में एसीबी ने बुधवार को परिवादी को फिर 10 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेकर भेजा था।
एसीबी ने करीब दोपहर एक बजे यूडीसी अशोक भाटी व एक अन्य प्राइवेट व्यक्ति को दबोच लिया। फिर दूसरी टीम ने डाफ्टमैन ऋषि माथुर को भी उनके घर से हिरासत में ले लिया लेकिन एसीबी को 4 घंटे से ज्यादा वक्त बीत गया। इधर हिरासत में लिए गए आरोपितों के परिजन व रिश्तेदार एसीबी कार्यालय पहुंच गए। हालाकि, पुछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया है। मामले में अनुसंधान जारी है।