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कांग्रेस की जीत पर CM अशोक गहलोत का बड़ा दावा, कर्नाटक ने नफरत की राजनीति को नकारा

CM Ashok Gehlot's big claim on Congress's victory, Karnataka rejects politics of hatred

जयपुर। आगामी लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल समझा जाने वाले कर्नाटक में कांग्रेस भाजपा से आगे निकल गई है। कर्नाटक चुनाव परिणाम पुर्ण बहूमत के साथ कांग्रेस के पक्ष में (karnataka election result in favor of congress with full majority) आये हैं। और इसी बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा दावा किया है। कर्नाटक के बाद अन्य चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी ऐसे ही नतीजों की बात कही है।

दरअसल, शनिवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद कुल 224 सीटों से जो परिणाम सामने आएं हैं। उससे यह स्पष्ट हो गया है कि कर्नाटक में कांग्रेस ने परचम लहराने के साथ ही बडत्रा संदेश भी दे दिया है। इस परिणाम से कांग्रेस को उर्जा मिली है। कर्नाटक में सरकार बनाने के लिए 113 सीटों की जरूरत है लेकिन कांग्रेस ने 136 सीटों पर जीत दर्ज की (Congress won 136 seats) है। सत्तारूढ़ भाजपा 39 सीटों के नुकसान के साथ केवल 65 का आंकड़ा ही छू पाई है, जबकि कांग्रेस गत चुनाव की तुलना में 56 सीटें ज्यादा जीतते हुए 136 सीटों पर शांदार जीत दर्ज की हैं।

राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने किया दावा
कर्नाटक में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलता देख राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कर्नाटक में जो माहौल दिखा था आज उसी का नतीजा कर्नाटक के चुनाव परिणाम में स्पष्ट दिख रहा है। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने शानदार कैंपेन किया। कर्नाटक ने सांप्रदायिक राजनीति को नकार कर विकास की राजनीति को चुना है। आने वाले राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी इसकी पुनरावृत्ति होगी।

गत चुनावों में कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिल बनाई थी सरकार
विगत चुनावों में कर्नाटक में कांग्रेस ने जेडीएस (Congress JDS in Karnataka) के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। तब कांग्रेस के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे लेकिन 14 महीने बाद ही सरकार गिर गई थी क्योंकि कांग्रेस और जेडीएस के कई विधायक बागी हो गए थे। इस बगावत के बाद बीजेपी के नेता बीएस येदियुरप्पा ने कांग्रेसी और जेडीएस के बागी विधायकों के सहयोग से सरकार बनाई थी। दो साल बाद ही येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा क्योंकि बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला ले लिया था। येदियुरप्पा के स्थान पर बीजेपी ने बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया था।

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