बूंदी। जिला अस्पताल में शनिवार रात को एक महिला मरीज की उपचार के दौरान हुई मौत (female patient died during treatment) के बाद परिजनों ने हंगामा (family created ruckus) कर दिया। परिजनों का आरोप है कि इलाज में लापरवाही बरतने व गलत इंजेक्शन लगाने के चलते महिला की मौत हुई है। जबकि चिकित्सकों का कहना है कि उन्होंने महिला को बचाने के लिए भरकस प्रयास किया है। हंगामे के बाद अस्पताल स्टाफ ने काम बंदकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया (After the uproar, the hospital staff stopped work and started protesting.)। इसे लेकर सूबह 4 बजे तक समझाईश का दोर चलता रहा।
एसडीएम सोहनलाल के रहे सरहानीय प्रयास
महिला की मौत के बाद जिला प्रशासन की ओर से उपखंड अधिकारी सोहनलाल चिकित्सा अधिकारियों व नर्सिंग कर्मियो से आपातकालीन सेवा चालू रखने के लिए समझाइश कर रहे। लेकिन चिकित्सक नहीं माने, जिसके चलते अस्पताल भर्ती एंव आपातकालीन मरीज परेशान होते रहे। रविवार सूबह करीब 4 बजे प्रशासन के आश्वासन पर चिकित्सक व नर्सिंग कर्मी काम पर लोटे। इसके बाद सूबह 5 बजे जिला कलक्टर डाॅ. रविन्द्र गोस्वामी के निर्देश पर तुरंत मृतका का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
यह भी रहे मोजूद
इधर हंगामा होने की जानकारी मिलने पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य सत्येश शर्मा, बूंदी नगर परिषद के उपसभापति लटूर भाई, पार्षद इरफान इलू, मोहम्मद समीर आदी समझाइश कर मामले का हल निकालने में लगे रहे। लेकिन देर रात तक कोई हल नहीं निकला। जिला कलक्टर डाॅ. रविन्द्र गोस्वामी के मार्गदर्शन में एसडीएम सोहनलाल की सुझबुझ से सुबह 4 बजे सहमति बनी तब अस्पताल स्टाफ काम पर लोटा।
अस्पताल स्टाफ ने 3 सूत्री मांग पत्र सौपा
रविवार सुबह सभी चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी काम पर लौटे और अन्य दिनों की तरह काम किया। 11 बजे करीब जिला कलेक्ट्रेट जाकर उपखंड अधिकारी को 3 सूत्री मांग पत्र सौपा, जिसमें हंगामा व मारपीट करने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार करने, अस्पताल के दोनों और पर्याप्त स्टाफ के साथ पुलिस चैकी संचालन करने, मरीज के अटेंडेंस के साथ एक व्यक्ति का पास जारी करने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि अगर 48 घंटे में तीनों मांगे पूरी नहीं की गई चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे।
यूं चला घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार शहर के महावीर कॉलोनी निवासी 38 वर्षीय मुमताज उर्फ गुड्डी पत्नी मोहम्मद हुसैन को सांस लेने में तकलीफ होने के चलते परिजन उसे रात्री 10ः30 बजे अस्पताल लेकर गए थे, जहां ट्रोमा सेंटर पर आपातकालीन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने महिला मरीज को मेडिकल वार्ड में भर्ती किया। लेकिन महिला की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इस बीच महिला की इंजेक्शन लगाने के थोड़ी देर बाद मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सकों द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से महिला की मौत हो गई और उसके बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। इस वक्त मेडिकल वार्ड में रेजिडेंट डॉ. हिमांशु गौत्तम, डॉ. दिवाकर जैन, डॉ. मेघा शर्मा व नर्सिंगकर्मी नरेश मीणा, पुजा माली ड्यूटी पर थे। जिनके साथ हाथपाई होने की बात कही जा रही है।
हंगामे की सूचना लगते ही कोतवाली थाना पुलिस मय जाब्ते के मौके पर पहुंची। वहीं, अस्पताल स्टाफ काम बंद कर एकत्रित हो गया, तो दूसरी तरफ मृतक के परिजन और क्षेत्र के लोगो की भीड़ को बढ़ने लगी जिसे देखते हुए अतिरिक्त जाब्ता बुलाया गया। सूचना पाकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोरी लाल, पुलिस उप अधीक्षक हेमंत नोगिया, सदर थाना अधिकारी अरविंद भारद्वाज मय जाप्ते के पहुंचे और समझाईश करते रहे।
इधर, चिकित्सा कर्मियों ने काम बंद कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। चिकित्सा कर्मियों का कहना है कि मृतका के परिजनों ने हंगामा करते हुए अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ और स्टाफ के साथ मारपीट की। मारपीट की घटना को अंजाम देने वाले लोगों के खिलाफ राजकार्य में बाधा और चिकित्सा परिचर्या एक्ट में मामला दर्ज कर कठोर कार्यवाही करने की मांग की।
वहीं चिकित्सा कर्मियों ने कहा कि उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए एवं प्रत्येक मरीज के साथ एक अटेंडेंट ही अस्पताल में एंटर हो, इसके लिए प्रशासन पास व्यवस्था लागू करें। साथ ही अस्पताल में सुरक्षा गार्डो की संख्या बढाई जाये। अस्पताल के दोनो तरफ पुलिस चोकी का संचालन प्रर्याप्त पुलिस जाप्ता लगाकर किया जाएं।
उपखंड अधिकारी सोहनलाल चिकित्सा अधिकारियों व नर्सिंग कर्मियो से काफी देर तक समझाइश करते रहे। उपखंड अधिकारी सोहनलाल ने चिकित्सको से कहा कि आपातकालीन सेवा चालू रखी जाये जिससे कोई और अन्य केजुअल्टी ना हो। रात्रि 2ः30 बजे तक समझाइश चलती रही। चिकित्सक अपनी बात पर अड़े रहे। महिला की मौत के बाद से सुबह 4बजे तक अस्पताल स्टाफ द्वारा काम बंद करने से मरीज इलाज के लिए परेशान होते रहे। आखिरकार उपखंड अधिकारी की समझाइश रंग लाई जिसके बाद सभी डाॅक्टर, नर्सिंगकर्मचारी काम पर लोटे।