ओडिशा के क्योंझर में 10वीं के छात्रों पर मधुमक्खियों के हमले का मामला (Case of Bees Attack on Class 10th Students) सामने आया है। परीक्षा देने एग्जाम सेंटर जा रहे छात्रों (Students Going to Exam Center to Give Exam) पर मधुमक्खियों (Bees) के झुंड ने हमला कर दिया। इसमें 50 से ज्यादा छात्र और शिक्षक घायल हो गए। कुछ को अस्पताल में भी भर्ती कराना पड़ा। हालांकि, हमले में घायल होने के बाद भी किसी छात्र ने परीक्षा नहीं छोड़ी और तय वक्त पर एग्जाम देने पहुंचे।
दरअसल, ओडिशा में राज्य बोर्ड के तहत 10वीं की परीक्षा (10th exam) चल रही है। सोमवार को भी 10वीं के एग्जाम का एक पेपर था। इसमें शामिल होने के लिए 50 से ज्यादा छात्र और शिक्षक परीक्षा केंद्र हरिचंदनपुर बालिका उच्च विद्यालय जा रहे थे। स्टूडेंट्स और टीचर्स (Students and Teachers) का यह ग्रुप रास्ते में ही था कि अचानक मधुमक्खियों (Bees) के झुंड ने उन पर हमला कर दिया।
अचानक हुए मधुमक्खियों के अटैक (Bee Attack) से वहां भगदड़ ऐसी स्थिति में कई छात्र इस हमले में घायल हो गए। कुछ की हालत इतनी खराब हो गई कि चार छात्रों और दो शिक्षकों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। घायलों में शामिल एक शिक्षक ने बताया कि मधुमक्खियों (Bees) के काटने के कारण कई छात्र दर्द से परेशान थे, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचकर परीक्षा दी। जिन छात्रों को अस्पताल ले जाया गया था, उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
मधुमक्खी के हमले का ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में भी सामने आया था। यहां दिसंबर 2022 में खेत पर गए एक युवक पर एक साथ हजारों मधुमक्खियों (Bees) ने हमला कर दिया था। मधुमक्खियों ने उसे ऐसा घेरा था कि उसके शरीर का कोई ऐसा अंग नहीं बचा था, जहां उसे डंक न मारा गया हो। परिवार के लोगों ने बड़ी मुश्किल से उसे बचाया और डंक निकालना शुरू किए था।
युवक की हालत गंभीर होने के बाद आनन-फानन में उसे इंदौर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया गया था। वहां डॉक्टरों ने इंटरनेशनल रेफरेंस का उपयोग करते हुए लगातार 72 घंटे CRRT-CVVHDF (हेमोडियाफिल्ट्रेशन) कर जहर को बाहर निकाला था।
इसके साथ ही प्लाज्मा एक्सचेंज के जरिये उसकी जान बचाई गई थी। युवक करीब एक माह तक अस्पताल में भर्ती रहा था। डॉक्टर्स के मुताबिक मेडिकल रिसर्च के तहत सांप काटने पर इसका इलाज तो है, लेकिन मधुमक्खियों (Bees) के काटने से होने वाले जहरीले प्रकोप का कोई इलाज नहीं है। इसलिए जब इंसान को हजारों मधुमक्खियां काट लें, तो उसका बचना नामुमकिन ही होता है।
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