अजमेर। 2 करोड़ की रिश्वत (2 Crore Bribe) मांग कर परेशान करने के मामले में जयपुर ACB टीम ने अजमेर में SOG की ASP दिव्या मित्तल को गिरफ्तार किया है। 16 करोड़ से ज्यादा की नशीली ड्रग्स और दवाओं की तस्करी (Smuggling of drugs and medicines worth more than 16 crores) के मामले में जांच अधिकारी एसओजी अजमेर की एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल (SOG Ajmer Additional SP Divya Mittal) पर ACB की यह कार्रवाई हुई है। सोमवार को ACB ने अजमेर में दो ठिकानों, उदयपुर, झुंझुनू और जयपुर में 1-1 ठिकानों समेत कुल 5 जगह एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। अजमेर में जयपुर रोड पर ARG सोसायटी में दिव्या के फ्लैट में दिव्या की मौजूदगी में सर्च कार्रवाई की।
SOG अजमेर में एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल पर NDPS पदार्थो की तस्करी के मामले में दलाल के जरिए परिवादी को डरा धमका कर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। परिवादी की शिकायत पर ही एसीबी ने यह कार्रवाई की है।
जयपुर एसीबी के एडिशनल एसपी बजरंग सिंह ने बताया कि एसीबी मुख्यालय जयपुर में पिछले दिनों एक केस दर्ज हुआ। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा कि निर्दोष होते हुए भी केस में उसका नाम शामिल नहीं करने के बदले 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान किया जा रहा है।
ACB ने शिकायत मिलने के बाद सत्यापन करवाया। इसके बाद दलाल पैसे लेने भी आ गया, लेकिन तब ट्रैप की कार्रवाई नहीं हो सकी। कोर्ट से वारंट लेकर सोमवार को 5 स्थानों पर यह कार्रवाई की जा रही है।
जबकि ACB की कार्रवाई के बाद ASP दिव्या मित्तल बोलीं कि मुझे ड्रग माफियाओं को ट्रैक करने का यह ईनाम मिला है। मैंने किसी से कोई रिश्वत नहीं मांगी है। यह षड्यंत्र कर ड्रग माफिया मुझे फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। अजमेर पुलिस के कई अधिकारी इसमें मिले हुए हैं।
शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल ने मुझसे कहा था कि तुम्हारे पास दलाल का फोन आएगा। उसके बाद मेरे पास उस दलाल का फोन आया। उसने मुझे उदयपुर बुलाया। जहां एएसपी दिव्या मित्तल के फार्म हाउस पर दलाल ने मुझे डरा-धमका कर 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसके बाद ही एसीबी में शिकायत की। शिकायतकर्ता ने कहा- एसओजी एएसपी दिव्या मित्तल के लिए पहली किस्त के तौर पर वह 25 लाख रुपए कैश दलाल को देने गया था। लेकिन शक होने पर दलाल फरार हो गया। ऐसे में एसीबी की ट्रैप कार्यवाही फेल हो गई।
दिव्या मित्तल ने मई 2021 में करीब 16 करोड़ रुपए की नशीली दवाइयां बरामद की थीं। जयपुर में 5.50 करोड़ और अजमेर में दो बार रेड में 11 करोड़ की नशीली दवाइयां जब्त की गईं। ज्यादातर दवाओं में ट्रामोडोल साल्ट पाया गया। कई और भी नशीली दवाएं जब्त की गईं।
एसीबी के ADG दिनेश एमएन ने बताया 4 जनवरी को परिवादी ने उनके पास आकर बताया था कि उसकी हरिद्वार में दवा बनाने की कंपनी है। उसने कहा- एसओजी ने मुझे बुलाया और किसी केस के सिलसिले में पूछताछ की। फिर एक दलाल का फोन आया। जिसने मुझे उदयपुर बुलाया। जहां एक रिसोर्ट में पहले 2 करोड़ रुपए, फिर 1 करोड़ की रिश्वत की डिमांड की गई। साथ ही धमकाया कि पैसा नहीं देने पर आप गिरफ्तार हो जाओगे।
एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि 12 जनवरी को ACB के एएसपी बजरंग सिंह ने आरोपी को ट्रैप करने की कोशिश की। परिवादी जब दिव्या मित्तल से मिलने गया। तो फाइनल 50 लाख में बात तय हुई। 25 लाख रुपए 12 जनवरी को और 25 लाख कुछ समय बाद देने की बात तय हुई। परिवादी शिकायतकर्ता को कहा कि एक व्यक्ति का कॉल आपके पास आएगा। उसके पास कॉल आया, फिर उससे अजमेर बाईपास पर आकर पैसा लेने की बात कही गई। जहां परिवादी इंतजार करता रहा। वह दलाल आदमी वहां आया भी था, लेकिन उसे शक हो गया तो वह बिना पैसा लिए ही चला गया। फिर एसीबी को लगा कि आगे पैसे लेने की संभावना कम है, तो मुकदमा दर्ज किया गया।
दिनेश एमएन ने बताया एसीबी के डीवाईएसपी मांगीलाल को इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर बनाया। उन्होंने कोर्ट से वारंट लिया और 5 जगह सर्च की कार्रवाई की है। केस के सिलसिले में सुबूत जुटाए जा रहे हैं। एएसपी दिव्या को हिरासत में लिया गया है। जो दलाल इस मामले में पता चला है वह उदयपुर पुलिस का बर्खास्त कांस्टेबल सुमित बताया जा रहा है, जिसकी तलाश जारी है।