जयपुर। सीआईडी क्राइम ब्रांच (CID Crime Branch) रेंज सेल जोधपुर की टीम ने विदेशी कोयले में मिलावट और चोरी (Adulteration and theft of foreign coal) के संगठित अपराध के मामले में कार्रवाई तेज कर दी है। इस कड़ी में टीम ने सांचौर थाने में दर्ज मुकदमे के एक और वांछित फरार आरोपी (wanted absconding accused) भंवरलाल विश्नोई (50), निवासी पंवारों की ढाणी को गिरफ्तार (Arrested) किया है। भंवरलाल पर 11 हजार रुपए का इनाम घोषित था। इस गिरफ्तारी के साथ ही कोयला चोरी और मिलावट के बड़े रैकेट में पुलिस की सक्रियता बढ़ी है।
कोयला चोरी का संगठित रैकेट
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध एवं एजीटीएफ दिनेश एमएन ने बताया कि यह रैकेट विदेशी कोयले की चोरी और मिलावट (Theft and adulteration of foreign coal) के माध्यम से बड़े पैमाने पर मुनाफा कमाता था। विदेशों से आने वाला महंगा कोयला गुजरात के बंदरगाहों (Expensive coal ports of gujarat) पर पहुंचने के बाद विभिन्न स्थानों पर भेजा जाता था। रैकेट के सदस्य ट्रक चालकों से सांठगांठ कर कोयले को बीच रास्ते में अपने ठिकानों पर उतार लेते थे। इसके बाद ट्रक में उतने ही वजन का घटिया कोयला मिलाकर वापस सील कर दिया जाता था। असली कोयला फर्जी बिलों के जरिए अन्य खरीदारों को ऊंची कीमतों पर बेच दिया जाता था।
पुलिस की कार्रवाई और जब्ती
सीआईडी सीबी की टीम ने अप्रैल 2023 में एक बड़े अभियान के तहत राजस्थान के 13 जिलों में छापेमारी (Raids in 13 districts of Rajasthan) की थी। इस दौरान करौला गांव में एक गोदाम पर दबिश दी गई, जहां से 65 टन कोयला और संबंधित वाहनों को जब्त किया गया। इस छापेमारी में कई आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें बाबूलाल विश्नोई, बंशीलाल खोरवाल, भंवरलाल विश्नोई, और भरत कानजी शामिल हैं।
इनामी आरोपियों की धरपकड़
इस संगठित गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के तहत पुलिस मुख्यालय ने 15 फरार आरोपियों पर 11-11 हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी। अब तक कई इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें भंवरलाल विश्नोई की हालिया गिरफ्तारी भी शामिल है। इससे पहले मोहन भाई, समा याकूब इब्राहिम, और मिठू मथड़ा इब्राहिम जैसे आरोपियों को भी पकड़ा गया था।
पुलिस और सीआईडी की संयुक्त कार्रवाई
दिनेश एमएन (Dinesh MN) के निर्देशन में गठित पुलिस टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इस गोरखधंधे पर नकेल कसने के लिए लगातार प्रयास किए। हेड कांस्टेबल सुमेर सिंह, कांस्टेबल सुरेंद्र सिंह और चालक प्रेम कुमार की टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
बड़ा आर्थिक नुकसान रोकने की पहल
यह रैकेट न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि उद्योग जगत में प्रतिस्पर्धा को भी प्रभावित कर रहा था। पुलिस की इस कार्रवाई से जहां संगठित अपराधों पर अंकुश लगेगा, वहीं ईमानदार व्यापारियों को भी राहत मिलेगी।
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इस गिरफ्तारी के बाद मामले की जांच और अन्य फरार आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास जारी हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस संगठित गिरोह के सभी सदस्यों को कानून के दायरे में लाया जाएगा।