जयपुर। राजस्थान में सरकारी नौकरियों के लिए फर्जीवाड़े की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। ताज़ा मामला युवतियों द्वारा बिना शादी किए ही विधवा सर्टिफिकेट पेश कर नौकरी हासिल करने का है। सरकारी नौकरी पाने के लिए कई लोग अब पेपर लीक, सॉल्वड पेपर, नकल और फर्जी अभ्यर्थियों का सहारा ले रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इसमें महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। इससे पहले सब इंस्पेक्टर पेपर लीक मामले में 10 महिला ट्रेनी एसआई की गिरफ्तारी हो चुकी है। वहीं, ताजा मामला विधवा सर्टिफिकेट (widow certificate) का दुरुपयोग कर नौकरी पाने का है।
फर्जी विधवा सर्टिफिकेट से नौकरी पाने का मामला
ब्यावर जिले में दो बहनों का यह चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। दोनों बहनों ने फर्जी विधवा सर्टिफिकेट (Fake widow certificate) लगाकर सरकारी नौकरी पाई। बड़ी बहन सुनीता ने अपने बहन के देवर का मृत्यु प्रमाण पत्र पेश कर खुद को विधवा बताते हुए नौकरी हासिल की, जबकि छोटी बहन रेखा ने गांव के एक अविवाहित लड़के मदन सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त की। दोनों तृतीय श्रेणी की शिक्षिकाएं हैं, सुनीता ब्यावर के खारला खेड़ा में और रेखा राजसमंद जिले के बादनी में कार्यरत हैं।
फर्जीवाड़े का खुलासा- मौत के सर्टिफिकेट से मिली जानकारी
सुनीता चौहान ने 2022 की शिक्षक भर्ती में फर्जी विधवा सर्टिफिकेट (Fake widow certificate in teacher recruitment) पेश किया था, जबकि रेखा ने 2016-17 की भर्ती में। सुनीता ने अपनी बड़ी बहन के देवर छगनलाल का मृत्यु प्रमाण पत्र पेश किया, जो शादीशुदा था और उसकी पत्नी जिंदा है। छगनलाल की मौत के बाद उसकी पत्नी को दुर्घटना बीमा राशि भी मिली थी। सुनीता की शादी निर्मल सिंह के साथ 2020 में हुई थी, जो वर्तमान में उदयपुर में रहते हैं।
रेखा ने मदन सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र (Fake death certificate)पेश किया, जो एक सड़क हादसे में मारा गए था। चौंकाने वाली बात यह है कि मदन अविवाहित था और उनके माता-पिता को ही दुर्घटना बीमा राशि प्राप्त हुई थी।
राजनीतिक जुड़ाव भी शक के घेरे में
दोनों बहनों का परिवार भाजपा से जुड़ा हुआ बताया (Said to be associated with BJP) जा रहा है। इनके माता-पिता सरपंच रहे हैं और परिवार का भाजपा नेताओं से करीबी रिश्ता है। नवंबर 2020 में सुनीता की शादी में भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत भी शामिल हुए थे।
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क्या होगी कार्रवाई?
राजस्थान में इस तरह के फर्जीवाड़े पर अब सरकार और प्रशासन की सख्त नज़र है। विधवा सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है। फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरियां (Government jobs) पाना न सिर्फ कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह उन योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय है जो अपनी मेहनत से नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।